• अगरतला में तनाव जारी, जनजीवन प्रभावित

    अगरतला। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में आदिवासी संगठन ‘इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट आॅफ त्रिपुरा’ की ओर से आयोजित रैली के दौरान झड़प होने के बाद आज दूसरे दिन भी स्थिति तनावपूर्ण रही।...

     

    अगरतला में तनाव जारी, जनजीवन प्रभावित

    अगरतला। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में आदिवासी संगठन ‘इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट आॅफ त्रिपुरा’ की ओर से आयोजित रैली के दौरान झड़प होने के बाद आज दूसरे दिन भी स्थिति तनावपूर्ण रही। अगरतला में कल आयोजित इस रैली के दौरान झड़प में पुलिसकर्मियों समेत कुल 23 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। इसके अलावा 30 अन्य लोगों ने भागकर जान बचायी।

    तनाव के कारण अगरतला के ज्यादातर स्कूलों में आज अघोषित अवकाश रहा। शहर के ज्यादातर बाजार और मॉल आदि भी बंद रहें। सड़कों पर भी इक्का-दुक्का वाहन ही नजर आये और सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति नगण्य रही। पुलिस ने इस रैली में भाग ले रहे आईपीएफटी समर्थकों को उनके वाहनों के साथ रात लगभग 11 बजे स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में घेर लिया जिसके कारण लोगों में दहशत फैल गयी।


    रिपोर्टों के मुताबिक राज्य के कई इलाकों में तनाव की स्थिति बनी हुई है और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को हालात और वाम मोर्चे की सरकार की इससे निपटने में विफलता की जानकारी दी। इस बीच विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और इंडिजिनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा ने सरकार पर स्थिति से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाया।

    तृणमूल कांग्रेस के नेता आशीष साहा ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पर आईपीएएफटी को बलि का बकरा बनाकर हित साधने के लिए तनाव भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने मामले की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की ताकि घटना के पीछे की साजिश का पता लगाया जा सके।

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य को सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने में विफल रहने की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा ने भी माकपा पर जानबूझकर तनाव पैदा करने का आरोप लगाया।  

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