• 12 साल बाद घाटी में लौटी बीएसएफ

    नई दिल्ली/श्रीनगर ! जम्मू-कश्मीर में शांति का माहौल बनाए रखने के मद्देनजर घाटी में 12 साल बाद एक बार फिर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को तैनात किया गया है। बीते श्रीनगर के लालचौक और आसपास के इलाके में बीएसएफ के एक दस्ते ने करीब 12 साल बाद फ्लैग मार्च किया।...

    आज से दो दिवसीय कश्मीर दौरे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह नई दिल्ली/श्रीनगर !   जम्मू-कश्मीर में शांति का माहौल बनाए रखने के मद्देनजर घाटी में 12 साल बाद एक बार फिर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को तैनात किया गया है। बीते श्रीनगर के लालचौक और आसपास के इलाके में बीएसएफ के एक दस्ते ने करीब 12 साल बाद फ्लैग मार्च किया। गौर हो कि हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से कश्मीर घाटी में हिंसा का माहौल बना हुआ है। घाटी में करीब डेढ माह से हिंसा और तनाव का माहौल बना हुआ है। घाटी के भीतरी इलाकों में बीएसएफ की तैनाती की गई है। घाटी के कई इलाकों में अभी भी कफ्र्यू है, वहीं 12 साल बाद एक बार फिर शांति कायम करने के उद्देश्य से कश्मीर घाटी में बीएसएफ को तैनात किया गया है। केंद्र ने कश्मीर में हालात सामन्य बनाने के लिए बीएसएफ की 26 और कंपनियों को भेजने का फैसला किया है। वहींदूसरी ओर गृहमंत्री राजनाथ सिंह घाटी में हालात को जायजा लेने आज दो दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे। गृहमंत्री एक महीने में दूसरी बार जाएंगे कश्मीर राजनाथ का पिछले एक महीने में घाटी का यह दूसरा दौरा होगा। दो दिन के दौरे पर राजनाथ के साथ गृह सचिव राजीव महर्षि के भी जाने की संभावना है। गृह मंत्री इस दौरान मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रशासन के अधिकारियों से मिलेंगे तथा उनके साथ घाटी में व्याप्त तनावपूर्ण हालात पर चर्चा करेंगे। मोदी ने भी कश्मीर के प्रतिनिधिमंडल से की थी मुलाकात गौरतलब है कि मोदी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर से आए विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत में कश्मीर समस्या का संविधान के दायरे में वार्ता के जरिए स्थाई समाधान खोजने पर बल दिया। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इसके लिए मिलकर काम करने की अपील की। कश्मीर समस्या पर एकजुट हैं राजनीतिक दल संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन मोदी की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक भी आयोजित की गई थी जिसमें सभी दलों ने घाटी में स्थिति सामान्य बनाने के सरकार के प्रयासों में सहयोग देने की बात कही थी और वहां सभी पक्षों के साथ बातचीत करने पर बल दिया था। जम्मू-कश्मीर के विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात की थी और अनुरोध किया था कि वह केंद्र सरकार को वहां सभी पक्षों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए कहें। 25 तक बढ़ा अलगाववादियों का बंद दूसरी ओर, अलगाववादियों ने घाटी में अपने विरोध प्रदर्शन और बंद को 25 अगस्त तक बढ़ा दिया है। लिहाजा, इलाके के सभी स्कूल-कॉलेज, बाजार, सार्वजनिक परिवहन और दूसरे व्यापार बंद हैं। पुराने श्रीनगर और अनंतनाग में कफ्र्यू जारी है, जबकि कुलगाम, शोपियां, पुलवामा, बारामूला, बांदीपुरा, कुपवाड़ा और बडगाम में भी पाबंदी लगाई गई है। कश्मीर हिंसा में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है।  जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शहर-ए-खास और पुराने इलाकों में दिन-रात का कफ्र्यू आज लगातार 46वें दिन भी जारी है साथ ही शहर के शेष इलाकों में लोगों के इकटठा होने पर भी प्रतिबंध जारी है।


    श्रीनगर के कफ्र्यू मुक्त इलाकों में भी जनजीवन प्रभावित रहा हालांकि सिविल लाईंस और शहर के अन्य हिस्सों में कंटीली तारों से बंद और बाधित सडक़ों को पुन: खोल दिया गया है लेकिन शहर भर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान सहित बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गयी है।

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