• पुलगांव आयुध भंडार की आग एक दुर्घटना थी: पर्रिकर

    नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र में नागपुर के निकट पुलगांव आयुध भंडार में 31 मई को आग लगने की घटना के पीछे तोड़फोड़ की कोई साजिश नहीं थी और यह पूरी तरह से एक दुर्घटना थी।...

    पुलगांव आयुध भंडार की आग एक दुर्घटना थी: पर्रिकर

    नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र में नागपुर के निकट पुलगांव आयुध भंडार में 31 मई को आग लगने की घटना के पीछे तोड़फोड़ की कोई साजिश नहीं थी और यह पूरी तरह से एक दुर्घटना थी। रक्षामंत्री ने प्रश्नकाल में पुलगांव मामले की जांच की रिपोर्ट के बारे में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस घटना की काेर्ट आॅफ इन्क्वायरी से जांच करायी गयी थी जिसकी रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के पीछे तोड़फोड़ की कोई मंशा नहीं थी।

    त्रुटिपूर्ण टैंकरोधी बारूदी सुरंगों को नष्ट किये जाते समय यह दुर्घटना हुई थी। उन्होंने यह भी बताया कि सैन्य मुख्यालय विभिन्न स्थानों पर जमा त्रुटिपूर्ण टैंकरोधी बारूदी सुरंगों 1ए से टीएनटी निकालकर उसको नष्ट करने का काम कर रहा है। त्रुटिपूर्ण गोलाबारूद को ठीक करने या बदलने का काम तीन माह में पूरा हो जायेगा।


    एक पूरक सवाल के जवाब में श्री पर्रिकर ने सेना के आयुध एवं गोला बारूद भंडारों के समीप आबादी बसने के कारण खतरे को कम करने के लिये कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान महाराष्ट्र के नागपुर के पास पुलगांव के आयुध भंडार में 31 मई को हुए अग्निकांड के संदर्भ में आयुध भंडारों को अन्यत्र ले जाने के बारे में पूछे गये सवालों के जवाब में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि जिन स्थानों पर 50-60 साल पहले आयुध भंडारों का निर्माण किया गया था, वहां आस-पास आबादी बस चुकी है और स्वाभाविक है कि सुरक्षा को लेकर लोगों में चिंता हो।

    पर्रिकर ने कहा कि सैन्य मुख्यालय इन सभी आयुध भंडारों की सुरक्षा एवं आग रोकने के उपायों की समीक्षा करेगा। रक्षा उत्पादन के विभाग सभी पक्षकारों के साथ मिल कर आयुध भंडारों के कार्यपरिचालन दिशानिर्देश तय करेगा। उन्होेंने कहा कि जहां तक आस पास की आबादी का सवाल है तो उनकी सुरक्षा के लिये दो -तीन बिन्दुओं पर विचार किया जा रहा है। इनमें आयुध भंडारों की सुरक्षा का उन्नयन करना, गोला बारूद को भूमिगत तहखानों में रखना तथा आयुध भंडारों से बस्तियों के बीच एक निश्चित दूरी बनाये रखना शामिल है।  

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