• BJP के गुंडे ऑटो और टैक्सी नहीं चलने दे रहे: केजरीवाल

    नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में ऑटो व टैक्सी की हड़ताल के लिए लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि इसके 'गुंडे' ऑटो व टैक्सियों को सड़कों पर चलने से रोक रहे हैं। केजरीवाल ने कुछ लोगों की जबरदस्ती ऑटो और ई-रिक्शा को रोकने की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, "देखिये इसे, भाजपा के गुंडे ऑटो और टैक्सी को चलने से रोक रहे हैं। भाजपा दिल्ली को पंगु बनाना चाहती है।...

    BJP के गुंडे ऑटो और टैक्सी नहीं चलने दे रहे: केजरीवाल

    नई दिल्ली।  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में ऑटो व टैक्सी की हड़ताल के लिए लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि इसके 'गुंडे' ऑटो व टैक्सियों को सड़कों पर चलने से रोक रहे हैं। केजरीवाल ने कुछ लोगों की जबरदस्ती ऑटो और ई-रिक्शा को रोकने की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, "देखिये इसे, भाजपा के गुंडे ऑटो और टैक्सी को चलने से रोक रहे हैं। भाजपा दिल्ली को पंगु बनाना चाहती है। इसे एलजी (उपराज्यपाल) और दिल्ली पुलिस का समर्थन मिल रहा है।"

    उनकी यह टिप्पणी उन खबरों के बाद आई है, जिनके मुताबिक शहर के विभिन्न हिस्सों में हड़ताली ऑटो चालकों को जबरन अपनी गाड़ी चलाने से रोक रहे हैं।आम आदमी पार्टी (आप) की दिल्ली सरकार ने इस हड़ताल को भाजपा द्वारा प्रायोजित करार दिया है। दिल्ली के परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली पुलिस पर टैक्सी चालकों को जबरन वाहन चलाने से रोकनेवालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है।

    जैन ने ट्विटर पर पूछा, "गुंडे भाजपा के समर्थन से ऑटो व अन्य यात्री वाहनों को रोक रहे हैं। दिल्ली पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?"वहीं, ऑटो हड़ताल के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल छात्र प्रवीण यादव ने बताया, "मैं पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर से आनंद विहार अंतर्राज्यीय बस अड्डा जा रहा था। तभी गाजीपुर के नजदीक कुछ लोगों ने उस ऑटो को रोक दिया, जिसमें मैं बैठा था और उसके चालक को हड़ताल में शामिल होने को कहा।"


    उन्होंने आगे कहा, "मुझे गाजीपुर में ऑटो से उतरना पड़ा और एक दोस्त की मदद से मैं बस अड्डे पहुंच पाया।"ऐसी ही जबरदस्ती ऑटो रोकने की घटनाएं साकेत, भजनपुरा, सरोजिनीनगर और कोंडली क्षेत्रों में देखी गई। करीब एक लाख ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालक मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। बुधवार को भी कई चालकों ने अपने वाहन सड़क पर नहीं उतारे हैं।

    प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे एप आधारित टैक्सी सेवाओं के खिलाफ हड़ताल पर है। वे दिल्ली सरकार से एप आधारित टैक्सी सेवाओं की दरें तय करने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली में करीब 90,000 ऑटो रिक्शा और 15,000 पारंपरिक पीली टैक्सियां चलती है। 

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