गौरांग मौत मामले को सामाजिक संगठनों ने किया खारिज
बिलासपुर। छत्तीसगढ के बिलासपुर के एक शापिंग माल मे पांच दिन पूर्व एक बिल्डर के लड़के की संदिग्ध मौत के मामले में जिला पुलिस की जांच तथा कार्रवाई पर न सिर्फ परिजनों ने बल्कि कई सामाजिक संगठनों ने भी सवाल खड़ा करते हुए गैर इरादतन हत्या के खुलासे को खारिज कर दिया है। बिलासपुर के विभिन्न संगठनों ने इस मामले में आज यहां नागरिकों तथा संगठनों की बैठक बुलाई है।
बैठक में नागरिक संघर्ष समिति गठित कर पुलिस की पक्षपातपूर्ण कार्यवाही के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जायेगी। विभिन्न संगठन पुलिस खुलासे को कानून तथा सच्चाई पर पर्दा डालने वाली कहानी मानते हैं। गत 21 जुलाई की रात गौरांग बोबडे का खून में लथपथ शव माल के बेसमेंट में पाया गया था।
पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव ने कल मामले का खुलासा करते बताया कि गैर-इरादतन हत्या तथा साक्ष्य छुपाने के आरोप में उसके चार दोस्तों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार माल के टीडीएस बार में पार्टी के बाद सीढ़ियों से उतरते समय एक दोस्त के खींच कर उतारने के दौरान रैलिंग से बेसमेंट में गिरने से मौत हो गई, जिसे एक हादसा बताया गया।
गौरांग के पिता चम्पत राव बोबडे तथा बहन वेदांती बोबडे ने पुलिस के खुलासे को खारिज करते नये सिरे से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने पुलिस के दावे पर कई सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने मृतक के जिन चार दोस्तों करन खुशलानी, अंकित मल्होत्रा, किंशुक अग्रवाल तथा कारण जायसवाल को गिरफ्तार किया है, चारों प्रभावशाली रईस व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखने वाले हैं। पुलिस ने चारों को कल न्यायालय में पेश किया जहां से इन्हे जेल भेज दिया गया है।