• स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने की मांग

    नयी दिल्ली। विभिन्न राजनीतिक दलों के 15 सांसदों एवं पूर्व सांसदों ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रसाद नड्डा को पत्र लिखकर निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की तरह स्वास्थ्य को भी मौलिक अधिकार बनाने की मांग की है। ...

    स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने की मांग

    नयी दिल्ली।  विभिन्न राजनीतिक दलों के 15 सांसदों एवं पूर्व सांसदों ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रसाद नड्डा को पत्र लिखकर निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की तरह स्वास्थ्य को भी मौलिक अधिकार बनाने की मांग की है। इन सांसदों ने हाल में श्री नड्डा को पत्र लिखकर पुरजोर मांग की है कि स्वास्थ्य को भी मौलिक अधिकार बनाया जाये।

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस बारे में श्री नड्डा को पत्र लिखा है । नड्डा को पत्र लिखने वालों में केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी पी ठाकुर के अलावा कांग्रेस के मोती लाल वोरा , भाजपा के कीर्ति आज़ाद, प्रभात झा , अश्विनी कुमार चौबे, भोला सिंह ,ओम प्रकाश यादव , जनता दल यूनाइटेड की कहकशां परवीन , राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अरुण कुमार ,लोकसभा सदस्य राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव , अजय निषाद , हरि मांझी, रवींद्र कुशवाहा और जनता दल के पूर्व राज्यसभा सदस्य के.सी त्यागी शामिल हैं ।


    इन सब ने नड्डा को पत्र लिख कर कहा है कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को देखते हुए और गरीब जनता को चिकित्सा सुविधा मुहैय्या कराने के लिए स्वास्थ्य को संविधान में मौलिक अधिकार का दर्जा दिया जाना कहिये ताकि हर नागरिक अपना इलाज निशुल्क करा सके । पत्र में यह भी लिखा है कि देश में जिस तरह निजी अस्पतालों का जाल फैलता जा रहा है और चिकित्सा महंगी होती जा रही है ,उसे देखते हुए स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाया जाना बेहद जरूरी है ।

    केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री नड्डा ने यूनीवार्ता से कहा कि अभी उनके संज्ञान में यह मामला नहीं आया है । उन्होंने कहा,“ मैं इसे देखता हूँ । फ़िलहाल हम नयी स्वास्थ्य नीति ला रहे हैं । इस मुद्दे पर भी गौर करेंगे ।” केन्द्रीय सरकारी कर्मचारी कल्याण संघ के पदाधिकारी अजय कुमार का कहना है कि वह स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने के इस अभियान को आगे ले जायेंगे तथा इन सदस्यों से इस बारे में संपर्क कर रहे हैं ।  

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