• त्रिपुरा में पेट्रोल और डीजल की किल्लत के कारण सम-विषम प्रणाली शुरू

    अगरतला | त्रिपुरा सरकार ने दिल्ली सरकार से प्रेरणा लेते हुए पेट्रोल और डीजल की किल्लत के कारण उनके नियंत्रण के मद्देनजर गुरुवार से सम-विषम प्रणाली शुरू करने का फैसला किया है। ...

    अगरतला | त्रिपुरा सरकार ने दिल्ली सरकार से प्रेरणा लेते हुए पेट्रोल और डीजल की किल्लत के कारण उनके नियंत्रण के मद्देनजर गुरुवार से सम-विषम प्रणाली शुरू करने का फैसला किया है। त्रिपुरा के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भानुलाल साहा ने कहा, "दुपहिया वाहनों समेत सभी वाहनों को पेट्रोल और डीजल वितरित करने के लिए सम-विषम वाहन पंजीकरण प्रणाली शुरू की जाएगी।" साहा ने सोमवार रात को मीडिया को यह जानकारी दी। नई प्रणाली के मुताबिक, सम पंजीकरण संख्या वाले वाहनों को केवल सम तिथियों पर और विषम पंजीकरण संख्या वाले वाहनों को केवल विषम तिथियों पर ईंधन मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह कदम पेट्रोल-डीजल की किल्लत और इनकी कालाबाजारी रोकने के लिए उठाया जा रहा है। भारी बारिश और खराब रखरखाव के कारण क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्ग-8 के कारण पैदा हुई समस्याओं के कारण असम से एलपीजी की आपूर्ति में भी काफी कमी हो गई है। लोगों को रसोई गैस की कमी भी झेलनी पड़ रही है। राजमार्ग की दुर्दशा के कारण पिछले दो महीनों से त्रिपुरा का देश के बाकी हिस्सों से जमीनी संपर्क लगभग कटा हुआ है। त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्य देश के अन्य हिस्सों से जरूरी वस्तुओं, अनाज और ईंधन की आपूर्ति के लिए राजमार्गो पर काफी निर्भर हैं। साहा ने कहा कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसीएल) ने बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा में ईंधन की आपूर्ति करने के लिए कदम उठाए हैं। मंत्री ने कहा कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) ने भी बांग्लादेश के रास्ते चावल भेजने के लिए कदम उठाए हैं। अधिकारियों ने कहा कि गुवाहाटी से आए कई हजार ट्रक और तेल के टैंकर त्रिपुरा की सीमा से सटे असम के करीमगंज जिले में फंसे हुए हैं। मंत्री ने कहा, "एनएच-8 की थोड़ी मरम्मत के बाद कुछ ट्रक और ईंधन के टैंकर क्षतिग्रस्त इलाके से गुजरे हैं, लेकिन विकट समस्या को देखते हुए यह कुछ भी नहीं है।" मंत्री ने कहा, "अगर केंद्र और असम सरकारों ने एनएच-8 के असम वाले हिस्से की मरम्मत के लिए पहले ही कदम उठा लिए होते तो त्रिपुरा को ऐसी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता।" रेल और सड़क यातायात में व्यवधान के कारण त्रिपुरा में जरूरी उत्पादों की कीमतें बढ़ गई हैं।


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