• पानी प्यार का कारण बने, न कि युद्ध का: उमा

    नयी दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि महानदी पर लघु बांध परियोजनाओं को लेकर छत्तीसगढ और ओडिशा के बीच ऐसा समाधान निकाल लिया जाएगा जिससे दोनों राज्यों को कोई नुकसान नहीं होगा। ...

    पानी प्यार का कारण बने, न कि युद्ध का: उमा

    नयी दिल्ली।  सरकार ने आज कहा कि महानदी पर लघु बांध परियोजनाओं को लेकर छत्तीसगढ और ओडिशा के बीच ऐसा समाधान निकाल लिया जाएगा जिससे दोनों राज्यों को कोई नुकसान नहीं होगा। केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकासएवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने लोकसभा में श्री भर्तृहरि मेहताब के महानदी पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई बैराज परियोजनाओं को लेकर एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में यह आश्वसन दिया।

     भारती ने कहा कि चर्चा में भाग लेने वाले बीजू जनता दल के युवा सांसद कलिकेश नारायण सिंह और भारतीय जनता पार्टी के युवा सांसद अभिषेक सिंह ने कहा है कि पानी भविष्य में युद्ध का कारण बन सकता है। हमें इस समस्या का समाधान इस भावना से करना है कि पानी दोनों राज्यों में प्यार का कारण बने न/न कि युद्ध का। उन्होंने कहा कि ओडिशा और छत्तीसगढ के बीच महानदी के जल को लेकर विवाद का बहुत जल्दी ऐसा समाधान निकल आएगा जिससे न तो ओडिशा का नुकसान होगा और ना ही छत्तीसगढ़ का।


    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि सबका साथ सबका विकास। सरकार उसी भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक करोड हेक्टेयर असिंचित जमीन को सिंचित बनाने का लक्ष्य रखा है। ओडिशा एक महत्वपूर्ण राज्य है। वह बाढ़ और सूखे दोनों की समस्या से जूझता है। इसलिए महानदी के विवाद का एक उचित और सर्वमान्य समाधान निकल आएगा। विभाग के राज्यमंत्री संजीव बालियान ने कहा कि 29 जुलाई को दोनों राज्यों की बैठक केन्द्रीय जल आयोग की मध्यस्थता में होनी है। इस प्रकार की चर्चा में यदि एक साल तक समाधान नहीं निकला तो पंचाट का गठन किया जाएगा।  

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