• भाजपा पर बरसे नवजोत सिंह सिद्धू ‘मुझे पंजाब से दूर रहने के लिए कहा गया’

    नई दिल्ली ! राज्य सभा की सदस्यता से हाल में इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने आज कहा कि उनके दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनसे पंजाब की राजनीति से दूर रहने के लिए कहा था इसलिए उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा। सिद्धू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनके लिए राष्ट्र धर्म सबसे बड़ा है...

    नई दिल्ली !   राज्य सभा की सदस्यता से हाल में इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने आज कहा कि उनके दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनसे पंजाब की राजनीति से दूर रहने के लिए कहा था इसलिए उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा। सिद्धू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनके लिए राष्ट्र धर्म सबसे बड़ा है और वह अपनी जड़ों को नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा कि मैंने राज्यसभा से इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मुझसे कहा गया था कि पंजाब से दूर रहो। जहां पंजाब का हित होगा वहां सिद्धू होगा। मेरे साथ कई बार भाजपा ने की नाइंसाफी क्रिकेट से राजनीति में आए सिद्धू ने आरोप लगाया कि भाजपा में उनके साथ तीन-चार बार नाइंसाफी हुई। आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि वह पंजाब के हितों के लिए काम करते रहेंगे। इसी महीने 18 तारीख को राज्यसभा की सदस्यता छोडऩे वाले सिद्धू ने कहा उन्हें चार बार पंजाब के लोगों ने जिताया तो उन्हें वह कैसे छोड़ सकते हैं। उनके लिए पार्टी पंजाब से ऊपर नहीं है। यह नफा-नुकसान से ऊपर है। अटल बिहारी के कहने पर लड़ा था लोकसभा चुनाव  सिद्धू ने कहा कि उन्होंने शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर लोक सभा चुनाव लड़ा था और कांग्रेस को हराया था।


    एक मुकदमे के कारण इस्तीफा दे दिया था। अकालियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके कहने पर पंजाब तो नहीं छोड़ सकता। पंजाब मेरे लिए धर्मभूमि है और उसे वह कभी भी नहीं छोडेंग़े। पिछली बार नहींदिया गया लोकसभा टिकट अमृतसर से लोकसभा सांसद रहे सिद्धू को पिछले चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था और वहां से अरुण जेटली चुनाव लड़े थे। सिद्धू ने कहा कि उनसे अमृतसर की बजाय हरियाणा के कुरूक्षेत्र से चुनाव लडऩे के लिए कहा गया था लेकिन वह पंजाब के लिए वफादार हैं। इसलिए कुरूक्षेत्र से चुनाव नहीं लड़े। उन्होंने कहा कि मोदी लहर में विरोधी तो डूबे ही सिद्धू भी डूब गया।

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