• बस्तर बटालियन को मिली मंजूरी, शांति बहाली में मिलेगी मदद

    दंतेवाड़ा ! नक्सल हिंसा से झुलस रहे बस्तर को यहां के युवा ही शांति की राह पर ले जा सकते हैं। नक्सल हिंसा में अपने पति महेन्द्र कर्मा के साथ ही कई परिजनों को खोने वाली दंतेवाड़ा विधायक श्रीमती देवती कर्मा ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखकर बस्तर बटालियन के गठन का प्रस्ताव भेजा था।...

    देवती के प्रस्ताव पर गृहमंत्री ने किया गठन बस्तर की ओर से माना आभार दंतेवाड़ा !   नक्सल हिंसा से झुलस रहे बस्तर को यहां के युवा ही शांति की राह पर ले जा सकते हैं। नक्सल हिंसा में अपने पति महेन्द्र कर्मा के साथ ही कई परिजनों को खोने वाली दंतेवाड़ा विधायक श्रीमती देवती कर्मा ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखकर बस्तर बटालियन के गठन का प्रस्ताव भेजा था। राष्ट्रपति भवन से विधायक का यह पत्र गृह मंत्रालय को भेजा गया और बस्तर बटालियन के गठन को मंजूरी मिली। विधायक श्रीमती कर्मा ने इस तथ्य से आज मीडिया से अवगत कराया। जारी बयान में उन्होंने बताया कि उन्होंने बस्तर बटालियन के गठन के लिए काफी कोशिश की और आखिरकार गृह मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दी। सैद्धांतिक सहमति के लिए उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को धन्यवाद भी दिया है। समूचे बस्तर वासियों की ओर से धन्यवाद  देते हुए उन्होंने कहा है कि इससे क्षेत्र में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। राज्य सरकार से उन्होंने अनुरोध किया है कि केन्द्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर शीघ्र अमल होना चाहिए, ताकि स्थानीय होनहार युवकों को रोजगार मिल सके और नक्सलियों के बहकावे में न आवे। अनेक वर्षो से नक्सली आतंक झेल रहे आदिवासियों को नक्सलियों के क्रुर आंतक, दहशत व भय से मुक्ति दिलाने में बस्तर बटालियन के माध्यम से युवा प्रभावी भूमिका निभायेंगे। अगर राज्य सरकार अन्य सरकारी योजनाओं की तरह इसे भी राजनीतिक फायदे के प्रलोभन के दांवपेंच में उलझाकर लंबित रखेंगे तो इससे उद्देश्य पूरे नहीं होंंगे। प्रदेश सरकार को इसका खामियाजा आने वाले समय में भुगतना होगा। श्रीमती कर्मा ने कहा  है कि इस बात को ध्यान में रख प्रदेश सरकार बस्तर बटालियन के गठन की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करें और इस बटालियन में भर्ती होने वाले सभी इच्छुक युवाओं को प्रांरभिक पंजीयन के साथ निश्चित समय में सेना का कैंप लगाकर प्रशिक्षण दें। इससे बटालियन भर्ती में स्थानीय और क्षेत्रीय बेरोजगार युवकों को अधिक अवसर मिल सकेगा एवं केन्द्र सरकार की बस्तर बटालियन गठन की विशुद्ध मंशा भी पूरी हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि बस्तर टाईगर शहीद महेन्द्र कर्मा नक्सलियों के खिलाफ दहाडऩे वाले बस्तर के इकलौते जन प्रतिनिधि थे। उन्होंने जिंदगी भर नक्सलियों की खिलाफत की और बहादुरी से नक्सलियों के सामने सीना तानकर उनकी गोलियां खांयी तथा कई जवानों और नागरिकों के प्राण बचाये। शहीद कर्मा की इस शहादत को पूरी दुनिया नमन करती है। शहीद कर्मा के परिजन अब अनेक क्षेत्रों में जन प्रतिनिधित्व करते हुए नक्सलियों के खिलाफ संघर्ष को जारी रखे हुए हैं। बस्तर बटालियन के गठन में शहीद कर्मा की पत्नी विधायक श्रीमती देवती का महत्वपूर्ण योगदान साबित हुआ है।


     

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