• बेटी के समर्थन में BJP का यूपी में प्रदर्शन

    लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निष्कासित नेता दयाशंकर की पत्नी और उनकी नाबालिग बेटी के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा अभद्र टिप्पणी के विरोध में भाजपा कार्यकर्ता शनिवार को सड़कों पर उतर आए। पार्टी की सभी जिला इकाइयां 'बेटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में' बैनर के तहत प्रदर्शन कर रही है। ...

     बेटी के समर्थन में BJP का यूपी में प्रदर्शन

    लखनऊ।  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निष्कासित नेता दयाशंकर की पत्नी और उनकी नाबालिग बेटी के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यकर्ताओं द्वारा अभद्र टिप्पणी के विरोध में भाजपा कार्यकर्ता शनिवार को सड़कों पर उतर आए। पार्टी की सभी जिला इकाइयां 'बेटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में' बैनर के तहत प्रदर्शन कर रही है। 

    बसपा के गुरुवार के प्रदर्शन के दौरान दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह और उनकी बेटी के खिलाफ अभद्र व धमकीभरी भाषा के इस्तेमाल के लिए बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और अन्य नेताओं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भाजपा के नेता शनिवार को राज्यपाल से मिलने वाले हैं।भाजपा महासचिव विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती को सिद्दीकी के मामले में भी समान कदम उठाना चाहिए, जैसा कि भाजपा ने दयाशंकर सिंह के मामले में किया।


    भाजपा नेता ने  कहा, "मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले दयाशंकर को हमने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब ऐसा करने की बारी उनकी है। उन्हें यह दिखाना होगा कि वह नाबालिग लड़की की गरिमा की भी चिंता करती हैं।"मायावती ने बसपा के प्रदर्शनकारियों का यह कहते हुए बचाव किया था कि इससे दयाशंकर सिंह को अहसास होगा कि जब आपकी बेटी और बहन की बेइज्जती की जाती है तो कैसा महसूस होता है।

    भाजपा नेता ने कहा, "हम हर महिला का सम्मान करते हैं और बसपा के नेतृत्व द्वारा एक नाबालिग लड़की की गरिमा को ठेस पहुंचाने को स्वीकार नहीं करेंगे।"स्वाति और उनकी सास पहले ही मायावती, सिद्दीकी, राज्य पार्टी अध्यक्ष राम अचल राजभर और सचिव मेवालाल के खिलाफ उनके परिवार के लिए अभद्र और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करा चुकी हैं।गौरतलब है कि दयाशंकर सिंह ने हाल ही में मायावती पर पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ा था। परिणामस्वरूप भाजपा ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

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