• 11 जनसूचना अधिकारियों पर 2.70 लाख रुपये का जुर्माना

    लखनऊ ! सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचना नहीं देने और शोकॉज नोटिस की अवेहलना करने पर राज्य सूचना आयुक्त ने 11 जनसूचना अधिकारियों को दंडित किया है। साथ ही प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपये (कुल 2,70,000) का जुर्माना लगाया है।...

    लखनऊ !   सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचना नहीं देने और शोकॉज नोटिस की अवेहलना करने पर राज्य सूचना आयुक्त ने 11 जनसूचना अधिकारियों को दंडित किया है। साथ ही प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपये (कुल 2,70,000) का जुर्माना लगाया है।

    दरअसल, राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 के तहत इन 11 अधिकारियों को शोकाज नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि वादी को 30 दिन के अन्दर अनिवार्य तौर पर सूचना उपलब्ध कराएं। 30 दिन के अंदर सूचना देना नियम के तहत अनिवार्य है।

    अधिनियम की धारा 19 (7) के तहत आयोग का आदेश बाध्यकारी भी है। लेकिन इन अधिकारियों ने आदेश के बाद भी वादी को 30 दिन के अंदर न तो सूचना उपलब्ध कराई और न ही आयोग में उपस्थित हुए। इस पर सूचना आयुक्त उस्मान ने 11 जनसूचना अधिकारियों को दोषी मानते हुए 25000-25000 रुपये दंड लगाया गया है।

    दंडित किए गए अधिकारी हैं :

    1-उपजिलाधिकारी तहसील चंदौसी, संभल

    2-तहसीलदार तहसील चंदौसी, संभल

    3-जिला विद्यालय निरीक्षक, संभल

    4-जिला समाज कल्याण अधिकारी, संभल


    5-जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, संभल

    6-जिला पंचायत राज अधिकारी, संभल।

    7-अधिशासी अभियंता (विद्युत नगरीय वितरण खंड), संभल।

    8-ग्राम पंचायत अधिकारी हाफिजपुर, संभल

    9-ग्राम पंचायत अधिकारी धनेटा सोतीपुर, संभल

    10-ग्राम पंचायत अधिकारी, पोटा, संभल

    11-खंड विकास अधिकारी बलरामपुर सदर, बलरामपुर

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