• 26/11 मामले में पाकिस्तान ने और सबूत मांगे

    इस्लामाबाद ! पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत से 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के मामले में और सबूतों की मांग की, ताकि वह इस मामले को 'तार्किक अंत' तक पहुंचा सके।...

    इस्लामाबाद !   पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत से 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के मामले में और सबूतों की मांग की, ताकि वह इस मामले को 'तार्किक अंत' तक पहुंचा सके। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने कहा, "विदेश सचिव एजाज चौधरी ने भारतीय अधिकारियों को मुंबई हमले के मामले में ऐसे और सबूत मुहैया कराने के लिए पत्र लिखा है जो इस हमले का तार पाकिस्तान से जोड़ते हों।" उन्होंने कहा, "पाकिस्तान मुंबई हमले के मामले को 'तार्किक अंत' तक पहुंचाएगा।" जकारिया ने कहा कि उन्हें भारत के जवाब का इंतजार है। लेकिन, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह पत्र कब लिखा गया था। पाकिस्तान ने मुंबई हमले के सिलसिले में लश्करे तैयबा से जुड़े सात आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें हमलों का मास्टरमाइंड माना जाने वाला जखीउर रहमान लखवी भी शामिल है। 2008 के हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 350 से ज्यादा घायल हुए थे। लखवी को पिछले साल जमानत पर रिहा कर दिया गया था। वह पाकिस्तान में अज्ञात स्थान पर रह रहा है। बाकी के 6 संदिग्ध रावलपिंडी जेल में रखे गए हैं। भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि वह इस मामले की न्यायिक कार्रवाई को जल्द से जल्द पूरा करे। भारत ने कहा है कि आरोपियों पर कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को पर्याप्त सबूत मुहैया कराए गए हैं। लेकिन, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा है कि भारत ने कानूनी कार्रवाई के लिए पर्याप्त सबूत मुहैया नहीं कराए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए हाल के साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जकरिया ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और सेना की एक ही सोच है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को अपनी सेनाओं पर गर्व है।" मोदी ने इस हफ्ते की शुरुआत में एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि पाकिस्तान में अलग-अलग ताकतें काम कर रही हैं और किससे बातचीत की जाए, यह पता लगाना मुश्किल है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव खत्म करने का एक ही तरीका है और वह है बातचीत। उन्होंने जोर दिया कि पाकिस्तान, भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "पहले भी यह बार-बार कहा गया है कि पाकिस्तान और भारत के संबंधों को केवल बातचीत के माध्यम से ही सुधारा जा सकता है।"


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