• 15 हजार अध्यापकों की नियुक्ति पर रोक

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश : इलाहाबाद ! इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पन्द्रह हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है। ...

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश इलाहाबाद !   इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पन्द्रह हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने कहा है कि जिन लोगों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं उन्हें अगले आदेश तक ज्वाइन न कराया जाए। दीपक कुमार तिवारी और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राम सूरत राम मौर्या ने मंगलवार को यह आदेश दिया। न्यायालय ने प्रदेश सरकार और अन्य विपक्षियों से एक माह में जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका पर अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी। प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर आज से नियुक्ति पत्र जारी किये जाने थे। इससे कुछ घंटे पहले न्यायालय ने रोक लगा दी। याचिका में कहा गया है कि 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन 12/13 दिसम्बर 2014 को जारी किया गया था। याचीगण ने डिप्लोमा इन एजुकेशन (स्पेशल एजुकेशन) का कोर्स रिहैब्लीटेशन काउंसिल आफ इण्डिया से किया था। वर्गीकरण में इसका नाम बदलकर डीएड स्पेशल एजुकेशन कर दिया गया। याचीगण ने 15 हजार शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किया था लेकिन उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया गया। इसके खिलाफ याचिका दाखिल की गयी। न्यायालय के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने आनलाइन आवेदन स्वीकार कर लिये लेकिन काउंसिल के दौरान उनका डिग्री सर्टिफिकेट स्वीकार नहीं किया गया। याचीगण को काउंसिल से बाहर कर दिया गया। न्यायालय ने कहा कि एक बार जब तय हो गया कि याचीगण नियुक्ति के लिए वैध डिग्री रखते हैं तो उनको काउंसिलिंग से रोकने का कोई औचित्य नहीं है। न्यायालय ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगाते हुए कहा कि यदि किसी को नियुक्ति पत्र दे भी दिया गया है तो उसे आगले आदेश तक ज्वाइनिंग नहीं दी जायेगी।   इस वर्ष लागू होगी नई शिक्षा नीति: रामशंकर वाराणसी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया ने आज कहा कि सरकार देश में विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए नई शिक्षा नीति इसी वर्ष लागू करेगी। इसके लिए कई स्तरों पर प्रयास चल रहा है। श्री कठेरिया ने कहा कि विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों के 350 शिक्षकों की मदद गेस्ट फैक्टी के तौर पर ली जा रही है, जबिक आने वाले समय में और 150 शिक्षक यहां के विश्वविद्यालयों में पढ़ाने आएंगे। वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्र संघ के समारोह समेत कई कार्यक्रमों में भाग लेने पहुंचे श्री कठेरिया ने संवाददाताओं से कहा कि मॉडल के तौर पर देश के 10 विश्वविद्यालयों को सरकार एवं इतनी संख्या में निजी संस्थाओं के हाथों सौंपा जाएगा, ताकि विश्वस्तरीय शिक्षा के लिए बेहतर प्रतिस्पद्घा का माहौल बन सके।


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