• 23000 बिजली कर्मी हड़ताल पर गए

    चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार की अपील को सिरे से नज़रंदाज करते हुये राज्य के बिजली निगमों के लगभग 23000 कर्मचारी 23 बिजली उपमंडलों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में देर रात से दो दिन की हड़ताल पर चले गये।इससे पूर्व बिजली निगमों के कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई कमेटी की सरकार के दो दौर की बातचीत विफल रही थी।...

     

     23000 बिजली कर्मी हड़ताल पर गए 

    चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार की अपील को सिरे से नज़रंदाज करते हुये राज्य के बिजली निगमों के लगभग 23000 कर्मचारी 23 बिजली उपमंडलों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में देर रात से दो दिन की हड़ताल पर चले गये।इससे पूर्व बिजली निगमों के कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई कमेटी की सरकार के दो दौर की बातचीत विफल रही थी।


    सरकार का कमेटी के साथ बातचीत का दूसरा दौर कल हुआ था लेकिन यह भी बेनतीजा रहा था। कमेटी के महासचिव सुभाष लाम्बा ने दावा किया कि राज्य सरकार 23 बिजली उपमंडलों के निजीकरण पर अड़ी हुई है इसलिये बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकला और कर्मचारी पूर्व घोषति कार्यक्रम के अनुसार हड़ताल पर चले गये हैं। उन्होंने कहा कि इन उपमंडलों का निजीकरण करना जनविरोधी कदम है तथा इससे लोगों को नुकसान होगा।उन्होंने हालांकि जोर दिया कि वह नहीं चाहते कि जनता को कोई परेशानी हो।

    कमेटी अभी भी राज्य सरकार से बातचीत के लिये तैयार है, विशेषकर मुख्यमंत्री अगर इन उपमंडलों का निजीकरण करने का फैसला वापिस ले लेते हैं तो हड़ताल समाप्त करने पर विचार हो सकता है। उन्होंने कहा कि हड़ताल शांतिपूर्ण रहेगी तथा कोई भी बिजली कर्मचारी बिजली की आपूर्ति में व्यवधान नहीं डालेगा।उल्लेखनीय है कि 23 बिजली उप मंडलों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों के संगठनों ने 29 और 30 जून को हड़ताल पर जाने का एलान किया था। सरकार ने इस हड़ताल को रोकने के भरसक प्रयास किया लेकिन बिजली कर्मी सरकार का प्रस्तावित कदम वापिस लिये जाने तक कोई बात मानने के लिये तैयार नहीं हुये।  

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