नई दिल्ली ! केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि काले धन की घोषणा करने के लिए तय चार महीने की समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। यह समय सीमा 30 सितंबर को समाप्त हो रही है। जेटली ने इस समय सीमा पर चर्चा के लिए व्यापार एवं उद्योग और पेशेवर संस्थाओं जैसे इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया, इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेकेट्ररीज ऑफ इंडिया, दिल्ली टैक्स बार के प्रतिनिधियों संग बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "हम अनुपालन समय सीमा का विस्तार नहीं करेंगे। लोगों के लिए अपनी बेहिसाबी आय घोषित करने का यह आखिरी मौका है। सरकार इसे एक मिशन के रूप में चलाएगी। इसके बाद जो भी कानून के दायरे में आएगा, उसे परिणाम भुगतना पड़ेगा।"
आय घोषित करने के लिए एक बार मिलने वाला यह मौका यानी आय घोषणा योजना (आईडीएस) 2016 एक जून से 30 सितंबर तक उपलब्ध रहेगी।
जेटली ने कहा, "तरह-तरह के सुझाव आए। इनमें से एक सुझाव यह है कि लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी देने के लिए कर अधिकारियों और पेशेवरों, खासतौर से टैक्स कंसल्टेंट्स, सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) के अधिकारियों और सरकार के मंत्रियों के साथ बैठकें आयोजित की जाएं ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग इसका लाभ उठा सकें।"
हालांकि जेटली ने जोर देकर कहा कि आईडीएस 2016 कोई छूट नहीं है, क्योंकि जो लोग इस श्रेणी में आएंगे, उन्हें जुर्माना भरना होगा।
जेटली ने कहा, "यह छूट की योजना नहीं है, इसमें कर जुर्माना देना होगा। हम उम्मीद करते हैं कि जिनके पास भी काला धन है, वे उसे कानूनन घोषित करेंगे। इस कानून के तहत की गई किसी भी घोषणा का खुलासा नहीं किया जाएगा।"
सीबीडीटी ने आय घोषित करने की इस अवधि को लेकर पूछे गए कई सारे सवालों (एफएक्यूज) पर सोमवार को नए सिर से स्पष्टीकरण जारी किए थे।