• सेना को मिलेगा स्वदेशी लड़ाकू विमान

    नई दिल्ली ! भारतीय वायु सेना का स्वदेशी लड़ाकू विमान का स्कवाड्रन बनाने का सपना शुक्रवार को हकीकत बनने जा रहा है और इस स्कवाड्रन में शामिल हल्के लड़ाकू तेजस विमानों को उड़ाने का गौरव ‘45 फ्लाइंग डैगर’ को मिलेगा जो अभी तक वायुसेना की रीढ़ माने जाने वाले मिग -21 को उड़ाते रहे हैं।...

    एक जुलाई को सेना में शामिल होगा तेजस

    नई दिल्ली !  भारतीय वायु सेना का स्वदेशी लड़ाकू विमान का स्कवाड्रन बनाने का सपना शुक्रवार को हकीकत बनने जा रहा है और इस स्कवाड्रन में शामिल हल्के लड़ाकू तेजस विमानों को उड़ाने का गौरव ‘45 फ्लाइंग डैगर’ को मिलेगा जो अभी तक वायुसेना की रीढ़ माने जाने वाले मिग -21 को उड़ाते रहे हैं। इस स्कवाड्रन के बनने के साथ ही आजादी के बाद रक्षा क्षेत्र की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना सफलता के पड़ाव पर पहुंच जाएगी जिसमें वायु सेना के पायलटों को देश में ही बनाए गए लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने का मौका मिलेगा।  2018 तक तैयार होगा पहला स्कवाड्रन पहले स्कवाड्रन को वर्ष 2018 तक 20 तेजस विमान मिल जाएंगे जो प्रारंभिक संचालन मंजूरी के अनुरूप होंगे। इसके साथ-साथ 20 विमानों का दूसरा स्कवाड्रन तैयार किया जाएगा। वायु सेना आने वाले समय में कुल 120 तेजस विमानों को अपने लड़ाकू बेड़े में शामिल करेगी जिनमें से 80 विमान मार्क-1 ए मानकों के अनुरूप होंगे। ये विमान मिग 21 की जगह लेंगे।


    जेएफ-17 से बेहतर है तेजस यदि तेजस की तुलना पाकिस्तान के जे एफ -17 विमान से की जाए तो यह बेहतर है और मिग 21 की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं। उन्नत तेजस मार्क-1 ए विमान पहले दो स्कवाड्रनों के विमानों से कहीं बेहतर होंगे। इनमें हवा में ही ईंधन भरा जा सकेगा और ये अत्यंत अत्याधुनिक रडार प्रणाली से लैस होंगे।

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