रिजर्व बैंक ने जारी किए गए आंकड़ें, प्रदेश में करीब 40 फीसदी लोग गरीब
मुंबई ! देश के सबसे ज्यादा गरीब उत्तर प्रदेश में रहते हैं जबकि आबादी के प्रतिशत के लिहाज से सबसे ज्यादा गरीबी छत्तीसगढ़ में है। रिजर्व बैंक ने आज यहां देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों का हैंडबुक जारी किया। इसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश पांच करोड़ 98 लाख से ज्यादा गरीब रहते हैं। उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा तीन करोड़ 58 लाख गरीब बिहार में, दो करोड़ 34 लाख मध्य प्रदेश में, एक करोड़ 98 लाख महाराष्ट्र में तथा एक करोड़ 85 लाख पश्चिम बंगाल में रहते हैं।
केंद्रीय बैंक ने लोगों के उपभोग के आधार पर यह आंकड़ा तैयार किया है। आरबीआई ने पहली बार इस तरह का कोई हैंडबुक जारी किया है। इसमें गरीबी के वर्ष 2011-12 तक के आंकड़े उपलब्ध हैं। जनसंख्या के प्रतिशत के लिहाज से छत्तीसगढ़ के 39.93 फीसदी लोग गरीब हैं। इसके बाद दादर एवं नागर हवेली (39.31 प्रतिशत) का स्थान है। झारखंड की 36.96 प्रतिशत, मणिपुर की 36.89 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश की 34.67 प्रतिशत तथा बिहार की 33.74 प्रतिशत आबादी गरीब है।
छोटे राज्यों मेें गरीबी कम
देश में 2011-12 कुल 26 करोड़ 98 लाख गरीब थे जो आबादी का 21.92 प्रतिशत था। सबसे कम गरीबी केंद्र शासित प्रदेशों तथा छोटे राज्यों में देखी गई। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के मात्र एक प्रतिशत, लक्षद्वीप के 2.77 प्रतिशत, गोवा के 5.09 प्रतिशत, केरल के 7.05 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश के 8.06 प्रतिशत, सिक्किम के 8.19 प्रतिशत, पंजाब के 8.26 प्रतिशत, अंध्र प्रदेश के 9.20 प्रतिशत, पुडुचेरी के 9.69 प्रतिशत, दमन एवं दीव के 9.86 प्रतिशत तथा दिल्ली के 9.91 प्रतिशत लोग गरीब हैं।
दिल्ली ने गोवा को पीछे छोड़ा
तात्कालिक मूल्य पर प्रति व्यक्ति राज्य घरेलू उत्पाद (एसडीपी) के मामले में दिल्ली सबसे आगे है। वित्त वर्ष 2014-15 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति एसडीपी दो लाख 40 हजार 849 रुपये रही। हालांकि, 2014-15 के लिए सभी राज्यों के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। वित्त वर्ष 2013-14 में दो लाख 24 हजार 138 रुपये की प्रति व्यक्ति एसडीपी के साथ गोवा सबसे आगे रहा था। उस साल दिल्ली दो लाख 12 हजार 219 रुपये की प्रति व्यक्ति एसडीपी के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। प्रति व्यक्ति एसडीपी में 31 हजार 199 रुपये के साथ बिहार सबसे पीछे रहा।