• भूमि हड़पने के मामले में आशा कुमारी की सजा स्थगित है

    नई दिल्ली ! कांग्रेस ने सोमवार को पार्टी नेता आशा कुमारी का यह कहते हुए बचाव की कोशिश की कि भूमि हड़पने के मामले में उनकी सजा को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पहले से ही स्थगित कर रखा है। आशा कुमारी को हाल ही में पंजाब का पार्टी मामले का प्रभारी बनाया गया है...

    नई दिल्ली !  कांग्रेस ने सोमवार को पार्टी नेता आशा कुमारी का यह कहते हुए बचाव की कोशिश की कि भूमि हड़पने के मामले में उनकी सजा को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पहले से ही स्थगित कर रखा है। आशा कुमारी को हाल ही में पंजाब का पार्टी मामले का प्रभारी बनाया गया है। कांग्रेस ने मीडिया से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के 19 मार्च के उस आदेश को साझा किया है जिसमें कहा गया है, "याची आशा कुमारी की वास्तविक सजा को स्थगित किया जाता है।"

    कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) की यह कहते हुए आलोचना की कि दोनों दल राजनीतिक लाभ लेने के लिए उसके नेता को बदनाम कर रहे हैं।

    कांग्रेस नेता ने कहा, "आशा कुमारी का कथित भूमि के हस्तांतरण से कोई लेनादेना नहीं है और वह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल के राजनीतिक प्रतिशोध की शिकार हैं।"

    कांग्रेस ने एक बयान में कहा है, "तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश पर नवंबर, 2001 में राज्य के सतर्कता विभाग ने इस मामले की जांच की थी। शिकायतकर्ता की 5 जनवरी, 2001 में ही मौत हो चुकी थी। हिमाचल प्रदेश के लोकायुक्त ने भी इस मामले को देखा था और आशा कुमारी को क्लीन चिट दे दिया था।"


    बयान में कहा, "राजा ब्रजेंद्र सिंह के बड़े भाई राजा प्रेम सिंह ने प्रेम कुमार धूमल के साथ सांठगांठ करके आशा कुमारी के खिलाफ परिवार की पैतृक संपत्ति के विवाद को लेकर मामला दर्ज कराया, जिस परिवार में वह ब्याही गई हैं।"

    दिवंगत राजा ब्रजेंद्र सिंह पहले रहे चंबा राज के उत्तराधिकारी और आशा कुमारी के पति थे।

    पार्टी ने जोर देकर कहा है कि जिस भूमि हस्तांतरण की बात कही गई है, वह वर्ष 1974 में हुआ जबकि आशा कुमारी की शादी उस परिवार में 1979 में हुई थी।

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