• व्यक्तिगत और सामूहिक ताकत ही भारत की शक्ति है

    1975 का आपातकाल देश के लिए काला दिन : नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 1975 के आपातकाल को देश के लिए काला दिन करार देते हुए कहा कि वह खुश हैं कि देश के लोगों ने हमेशा ही लोकतंत्र को प्राथमिकता दी है। मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 21वें संस्करण में कहा, "मैं खुश हूं कि मेरे देश के लोगों ने हमेशा ही लोकतंत्र को महत्व दिया है।...

    1975 का आपातकाल देश के लिए काला दिन

    नई दिल्ली !   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 1975 के आपातकाल को देश के लिए काला दिन करार देते हुए कहा कि वह खुश हैं कि देश के लोगों ने हमेशा ही लोकतंत्र को प्राथमिकता दी है। मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 21वें संस्करण में कहा, "मैं खुश हूं कि मेरे देश के लोगों ने हमेशा ही लोकतंत्र को महत्व दिया है। एक समय था, जब लोगों की आवाज दबा दी गई थी, लेकिन आज लोग सरकार के कामकाज को लेकर अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं।"

    मोदी ने कहा कि लोग अब संपूर्ण लोकतंत्र में हैं। 1975 में एक समय था, जब लोगों की आजादी छीन ली गई थी और लगभग 1,000 राजनीतक कार्यकर्ताओं तथा छात्र नेताओं को बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया था।

    मोदी ने कहा, "लोगों के मूलभूत अधिकार छीन लिए गए और देश को एक बड़ी जेल में तब्दील कर दिया गया। जयप्रकाश नारायण सहित आम लोगों के लिए काम कर रहे प्रसिद्ध राजनेताओं को जेल में ड़ाल दिया गया।"


    उन्होंने कहा कि देश को उस काली अवधि को नहीं भूलना चाहिए और यह याद रखना चाहिए कि व्यक्तिगत और सामूहिक ताकत ही देश की शक्ति है।

    उन्होंने कहा, "लोकतंत्र ने हमें ताकत दी है, लेकिन 25-26 जून, 1975 लोकतंत्र के लिए काली रात थी। मैंने हमेशा लोगों से लोकतंत्र में पूर्ण विश्वास का आग्रह किया है।"

    मोदी ने कहा कि देश को लोगों की भागीदारी के जरिए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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