देवेंद्रो को मिला कांस्य पदक
बाकू। राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता मुक्केबाज भारत के लेशराम देवेंद्रो सिंह यहां चल रहे विश्व मुक्केबाजी क्वालिफाइंग टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में हार गये जिससे उनका ओलंपिक का सपना चकनाचूर हो गया। टूर्नामेंट में 49 किग्रा लाइट फ्लाईवेट वर्ग में देवेंद्राे को स्पेन के कारमोना हेरेदिया सैमुअल ने 2-1 से हरा दिया।उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा।
देेवेंद्रो के वर्ग में दो कोटा शेष थे और उन्हें रियो का टिकट हासिल करने के लिये हर हाल में इस मैच को जीतकर फाइनल में पहुंचना जरुरी था। भारत की तरफ से विश्व मुक्केबाजी क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में कुल नौ मुककेबाजों ने हिस्सा लिया था जिसमें से केवल दो खिलाड़ी विकास कृष्णन और मनोज कुमार ही रियो ओलंपिक के लिये कोटा हासिल करने में सफल रहे। इसके अलावा शिवा थापा पहले ही रियो के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। इससे पहले रियो ओलंपिक के लिये कोटा हासिल कर चुके भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्णन (75 किग्रा) और मनोज कुमार (64 किग्रा) को टूर्नामेंट में कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा जबकि सुमित सांगवान (81 किग्रा) का ओलंपिक कोटा हासिल करने का सपना टूट गया।
विकास को चोटिल होने के कारण सेमीफाइनल मुकाबले से हटना पड़ा। भारतीय मुक्केबाज के माथे पर क्वार्टरफाइनल में कोरिया के ली डोंगयून के खिलाफ मुकाबले के दौरान चोट लग गई थी।उन्हें मेडिकल रुप से अनफिट घोषित कर दिया गया जिस वजह से वह तुर्कमेनिस्तान के आचिलोव अर्सालानबेक के खिलाफ सेमीफाइनल में नहीं उतर सके।वहीं मनोज को सेमीफाइनल में यूरोपियन चैंपियन ब्रिटेन के पैट मैकोरमैक से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा।
इन दोनों मुक्केबाजों को कांस्य पदक हासिल हुआ।दूसरी तरफ 81 किग्रा वर्ग में सुमित की उम्मीदें भी टूट गईं। सुमित क्वार्टरफाइनल में रूस के पेत्र खामुकोव से हार गये थे।यदि खामुकोव स्वर्ण पदक जीतते तो सुमित क्वालीफाई कर जाते लेकिन रुसी मुक्केबाज ने सेमीफाइनल में वाकओवर दे दिया जिससे सुमित का आेलंपिक में खेलने का सपना टूट गया।