• मोदी सरकार ने एनएसजी के लिए बेकार की कसरत की

    नई दिल्ली ! कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता पाने के लिए बेकार की कसरत की,...

    नई दिल्ली !   कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता पाने के लिए बेकार की कसरत की, जिससे देश को शर्मिदगी झेलनी पड़ी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, "कूटनीति हमेशा बुद्धिमत्ता से व शांतिपूर्वक की जाती है। हमने इस तरह की कूटनीति कहीं नहीं देखी, जिसमें यह बेहद स्पष्ट हो गया कि आप किससे लॉबिंग कर रहे हैं और कौन आपका पक्ष ले रहा है।" शर्मा ने कहा, "यह भारत के लिए शर्मिदगी की बात है, जिसकी जरूरत ही नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार इस तरह की मजबूत लॉबिंग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए करती तो बात समझ में आती।" उन्होंने कहा कि एनएसजी जैसे मामले में इस तरह की जोर-आजमाइश की कोई जरूरत नहीं है, जिसके कारण भारत की तुलना पाकिस्तान के साथ हो। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री व उनकी सरकार ने इस तरह का हो-हल्ला, जोरदार अभियान व लॉबिंग क्यों की? साल 2008 में एनएसजी ने भारत को विशेष छूट दी थी, जिसके कारण कई वर्षो तक अलग-थलग रहने के बाद भारत को परमाणु शक्तिसंपन्न देशों के साथ हिलने-मिलने की मंजूरी मिली।" शर्मा ने कहा कि जो समझौता हुआ, उसने अमेरिका के साथ समझौते का भारत का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि भारत के साथ आईएईए (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के समझौते ने भारत को एनएसजी देशों के साथ व्यापार की भी मंजूरी दी। उन्होंने कहा, "एनएसजी देश भारत को रिएक्टर बेच सकते हैं और भारत भी ऐसा कर सकता है। इसलिए एनएसजी मुद्दे पर इस तरह की जोर-आजमाइश की जरूरत ही नहीं थी।" शर्मा ने कहा कि एनएसजी की सदस्यता से भारत के परमाणु व्यापार में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं आएगा!


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