• 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी टैल्गो

    बरेली ! स्पेन से आए टैल्गो कोच से सुसज्जित ट्रेन का पहला ट्रायल आज बरेली से सफलतापूर्वक किये जाने के साथ ही भारतीय रेल के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। देशी इंजन के पीछे यह विदेशी कोच कुछ अटपटा जरूर लगा। लेकिन पूर्वोत्तर रेलवे की बरेली में इज्जतनगर कार्यशाला के इंजन को टैल्गो कोच के संचालन का गौरव हासिल हुआ।...

     बरेली-मुरादाबाद के बीच दौड़ी टैल्गो बरेली !  स्पेन से आए टैल्गो कोच से सुसज्जित ट्रेन का पहला ट्रायल आज  बरेली से सफलतापूर्वक किये जाने के साथ ही भारतीय रेल के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। देशी इंजन के पीछे यह विदेशी कोच कुछ अटपटा जरूर लगा। लेकिन पूर्वोत्तर रेलवे की बरेली में इज्जतनगर कार्यशाला के इंजन को टैल्गो कोच के संचालन का गौरव हासिल हुआ। स्पेन की टैल्गो कंपनी में निर्मित नौ कोच से सजी रेलगाडी पूर्वान्ह नौ बजकर चार मिनट पर बरेली जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर दो से मुरादाबाद के लिए रवाना हुई। ट्रेन दस बजकर 20 मिनट पर बेरोकटोक मुरादाबाद पहुंची। सूत्रों ने बताया कि देश की सबसे तेज रफ्तार वाली दस ट्रेन का ट्रायल अनुसन्धान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) के विशेषज्ञों की देखरेख में तीन चरणों में हो रहा है। पहले चरण में आज हुए परीक्षण की संतोषजनक प्रदर्शन रिपोर्ट मिलने के बाद दूसरा ट्रायल मथुरा-पलवल रेलखण्ड पर अगले महीने किया जायेगा।  मथुरा-पलवल रेलखण्ड पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर ट्रायल होगा। टैल्गो द्वारा भारतीय रेल पथ पर गति क्षमता 198 किलोमीटर प्रति घंटा प्रमाणित की गयी है। टैल्गो ने विशेष तौर पर हल्के वजन वाले कोच तैयार किये हैं। यह कोच एसी चेयरकार से सुसज्जित हैं और इनमें स्लीपर कोच नहीं हैं। सफल ट्रायलों के बाद यह ट्रेन करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।


    इसके पहले, पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव मिश्र ने बरेली जंक्शन पर टैल्गो रवाना करने से पूर्व कहा कि इस सुपर लग्जरी ट्रेन में एल्युमिनियम के कोच लगे है। इनका वजन भारतीय कोच से काफी कम है। हर कोच में दो बोगियां हैं। दो कोच के बीच महज चार चक्के हैं। श्री मिश्र के अनुसार हाइड्रोलिक प्रेशर से चक्कों में डिस्क ब्रेक लगा हुआ है। इससे ट्रेन चंद सेकेंड में बिना झटके रुकती है और हादसे में कोच के ऊपर कोच नहीं चढ़ते।

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