बारिश के पानी के संग्रहण के लिए दो हजार खेत तालाब बना रही है सरकार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार ने कहा कि बुंदेलखंड में पेयजल आपूर्ति और सूखे की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बेहद गंभीर हैं और इस संकट निपटने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बार अच्छी बारिश होने की संभावना है, लिहाजा पानी के संचय को लेकर कई कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। उप्र के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा, इस बार मौसम विभाग ने अच्छी बारिश की सम्भावना जताई है। बुंदेलखंड में जल संकट दूर करने के लिये इस बार पानी संचय की बेहतर तैयारी की जारी है।
उन्होंने बताया कि दीर्घकालिक उपाय के तहत बुंदेलखंड में 2000 खेत तालाब तैयार किए जा रहे हैं जिसमें पानी का संचय किया जाएगा। इनका उपयोग जरूरतों के हिसाब से किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत यदि कोई किसान अपना खेत तालाब के लिए उपलब्ध कराता है तो सरकार उन्हें 50 फीसदी अनुदान देगी।
आयुक्त के मुताबिक इसके अतिरिक्त 197 तालाब बनाने की योजना है। यह एक हेक्टेयर से ऊपर वाले होंगे। इनमें भी बारिश के पानी का संचय किया जाएगा।
आयुक्त से जब पूछा गया कि बुंदेलखंड में पेयजल की समस्या विकराल रूप धारण किए हुए है। पुराने हैंडपम्पों के जलस्तर काफी नीचे चले गए हैं। पेयजल के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है तो उन्होंने कहा कि पेयजल संकट को लेकर मुख्यमंत्री भी बेहद गम्भीर हैं। उनके निर्देशन में युद्घस्तर पर काम चल रहा है। कुमार ने बताया, बुंदेलखंड में पेयजल आपूर्ति को सुधारने के लिये एक अभियान चलाया जा रहा है। 14वें वित्त आयोग से मिली धनराशि के तहत 3500 हैंडपम्पों को उखाड़ कर फिर से गाड़ा जा रहा है। नए हैंडपम्प भी लगाए जा रहे हैं। 440 पानी के टैंकरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में पंचायतों को भी टैंकर किराए पर लेकर लोगों को पानी मुहैया कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। जल निगम के टैंकर भी सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश पर विधायकों को भी अपनी निधि से 100 नए हैंडपम्प लगवाने व 100 पुराने हैंडपम्पों को निकाल कर दुबारा लगाने का काम कराने का अधिकार दिया गया है। अब अपने विधानसभा क्षेत्र में पेयजल संकट दूर करने में विधायक भी सहयोग करेंगे। यह अधिकार पूरे राज्य के विधायकों को दिया गया है।
प्रदेश में आमतौर पर हर वर्ष किसानों को खाद और बीज की किल्लत से जूझना पड़ता है। इस सवाल पर प्रवीर कुमार ने कहा कि खाद, बीज को लेकर सरकार पूरी तरह से तैयार है। सरकार के पास पहले भी खाद, बीज की कमी नहीं थी। इस वर्ष भी जिला व मंडल स्तर पर यूरिया व डीएपी खाद की बेहतर आपूर्ति के निर्देश दे दिए गए हैं। सरकार यूरिया व डीएपी की पहले से व्यवस्था कर रही है।
बिजली संकट से कृषि कार्य में बाधा के सवाल पर कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि किसानों को बिजली की आपूर्ति के लिए सरकार सजग है। कृषि कार्यो के लिए बिजली की कमी नहीं होने दी जाएगी।
प्रवीर कुमार के मुताबिक एक मई से 16 मई तक बुंदेलखंड में औसतन 20.43 घंटे बिजली की आपूर्ति की गई जिसमें ग्रामीण स्तर पर 14.43 घंटे, तहसील स्तर पर 16.41 घंटे और जिला स्तर पर 20 घंटे बिजली की आपूर्ति हुई।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन को लेकर सरकारी तैयारी के बारे में कुमार ने कहा कि इस बीमा योजना के तहत किसानों को खरीफ की फसल पर 2 प्रतिशत और रवि की फसल पर 1.5 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा।
आयुक्त ने बताया कि प्रीमियम का आधा हिस्सा केंद्र सरकार व आधा हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी। फसल कटने के 14 दिनों बाद तक किसानों को फसल बीमा का लाभ मिलेगा। यदि फसल कटने के 14 दिनों के बाद फसल नष्ट हो जाती है तो उस स्थिति में भी सरकार किसानों की सहायता करेगी।