• सुशील से बेहतर पहलवान हैं नरसिंह, रियो में दिखायेंगे जलवा

    नई दिल्ली ! भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय से शुक्रवार को कहा कि नरसिंह यादव आने वाले रियो ओलम्पिक में 74 किलोग्राम वर्ग में सुशील कुमार के मुकाबले देश के सबसे अच्छे खिलाड़ी हैं। महासंघ ने साथ ही कहा कि नरसिंह का ओलम्पिक के लिए चयन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हुआ है।...

    नई दिल्ली !  भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय से शुक्रवार को कहा कि नरसिंह यादव आने वाले रियो ओलम्पिक में 74 किलोग्राम वर्ग में सुशील कुमार के मुकाबले देश के सबसे अच्छे खिलाड़ी हैं। महासंघ ने साथ ही कहा कि नरसिंह का ओलम्पिक के लिए चयन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हुआ है। डब्ल्यूएफआई ने अदालत में कहा कि दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील पिछले दो साल से चयन ट्रायल को टाल रहे थे ताकि उन्हें नरसिंह का सामना न करना पड़े। नरसिंह पिछले आठ महीनों से 74 किलोग्राम वर्ग में तैयारी कर रहे हैं। डब्ल्यूएफआई के वकील ने अदालत में कहा, "नरसिंह आने वाले रियो ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्तव करने के लिए सबसे अच्छे खिलाड़ी हैं। उनका चयन बिना किसी राजनीतिक दखलअंदाजी के पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हुआ है।" वकील ने अदालत में बताया कि नरसिंह ने रियो ओलम्पिक में खेलने वाले 18 पहलवानों में से छह को मात दी है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफआई ने हमेशा उसी खिलाड़ी को ओलम्पिक में भेजा है, जिसने देश को ओलम्पिक कोटा दिलाया हो। वकील ने कहा, "इससे पहले सुशील ने भारत को कोटा दिलाया था तो उन्हें ओलम्पिक में भेजा गया था। अब नरसिंह ने भारत के लिए कोटा हासिल किया है तो उन्हें भेजा जाएगा।" उच्च न्यायालय सुशील की उस अपील की सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने रियो ओलम्पिक में जाने वाली कुश्ती टीम में शामिल होने के लिए 74 किलोग्राम वर्ग में नरसिंह के साथ ट्रायल कराने की मांग की थी। सुशील ने 2008 बीजिंग ओलम्पिक में भारत को कांस्य पदक और 2012 लंदन ओलम्पिक में 66 किलोग्राम वर्ग में भारत को रजत पदक दिलाया था, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ (एफआईएलए) ने 2014 में इस श्रेणी को समाप्त कर दिया था। जिसके कारण सुशील को 74 किलोग्राम वर्ग में आना पड़ा जहां उनका सामना नरसिंह से है जो भारत के इस श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पहलवान हैं। सुशील चोट के कारण ओलम्पिक क्वालीफिकेशन में हिस्सा नहीं ले पाए थे और नरसिंह ने विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य जीतते हुए भारत को ओलम्पिक कोटा दिलाया था। ट्रायल कराने को लेकर बार-बार डब्ल्यूएफआई से न सुनने के बाद सुशील ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। सुनवाई के दौरान सुशील के वकील ने अदालत में कहा कि उन्हें 74 किलोग्राम वर्ग में इसलिए ट्रायल का मौका नहीं मिल रहा है क्योंकि उन्होंने प्रो रेसलिंग लीग में हिस्सा नहीं लिया था। डब्ल्यूएफआई ने उनके इस आरोप को नकारते हुए कहा कि सुशील ने इसलिए लीग से बाहर रहने का फैसला किया था क्योंकि उन्हें नरसिंह से मुकाबला करना पड़ता। इस मामले की अगली सुनवाई 30 मई को की जाएगी।


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