• हैबतुल्ला बना तालिबान का नया चीफ

    काबुल ! अफगान तालिबान ने बुधवार को एक लड़ाका की जगह प्रभावशाली धार्मिक विद्वान हैबतुल्ला अखुंदजादा को अपना नया प्रमुख नियुक्त किया। तालिबान के पूर्व प्रमुख मुल्ला मंसूर की पिछले हफ्ते पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी। एक बयान में कहा गया है ...

    काबुल !  अफगान तालिबान ने बुधवार को एक लड़ाका की जगह प्रभावशाली धार्मिक विद्वान हैबतुल्ला अखुंदजादा को अपना नया प्रमुख नियुक्त किया। तालिबान के पूर्व प्रमुख मुल्ला मंसूर की पिछले हफ्ते पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी। एक बयान में कहा गया है कि लड़ाका समूह (मिलिशिया ग्रुप) ने सिराजुद्दीन हक्कानी व मोहम्मद याकूब को अखुंदजादा का सहायक नियुक्त किया है। याकूब तालिबान के संस्थापक प्रमुख मुल्ला उमर का बेटा है।" हक्कानी आतंकवादी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी पर अमेरिकी विदेश विभाग ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। हक्कानी लंबे समय तक तालिबान और अलकायदा के संपर्क में रहा। पहली बार तालिबान ने सार्वजनिक तौर पर अपने नेता मंसूर की मौत की पुष्टि की है। पिछले शनिवार पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के अहमद वाल शहर में अमेरिकी ड्रोन ने मंसूर के वाहन को निशाना बनाया था जिसमें उसकी मौत हो गई थी। तालिबान के बयान में कहा गया है, "हम सभी मुसलमानों से तीन दिनों (गुरुवार से) के लिए मरहूम अख्तर मंसूर की याद में शोक मनाने एवं उनके कामों व उनकी रूह के लिए दुआ करने की अपील करते हैं।" बयान में कहा, "हमारा जिहाद जारी रखेगा। हम अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के सभी मुजाहिदीन से फिक्र न करने और अपने नये नेता का समर्थन करने की दरख्वास्त करते हैं।" अफगान के विश्लेषकों के अनुसार, हैबतुल्ला अखुंदजादा की नियुक्ति एक अचरज के रूप में है क्योंकि मंगलवार तक हक्कानी को मंसूर का सबसे सशक्त उत्तराधिकारी माना जा रहा था। माना जाता है कि 45-46 वर्ष का हक्कानी अपने नेतृत्व में सबसे कट्टरपंथी है और उसे अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने वैश्विक आतंकी जैसे विशेष नाम से नवाजा है। हैबतुल्ला अखुंदजादा एक धार्मिक विद्वान है। अफगानिस्तान में तालिबान के पांच साल के शासन के दौरान तालिबान कोर्ट का प्रमुख रहा है। इसके अलावा अफगान तालिबान के उप नेताओं में से एक है। तालिबान की ओर से जारी अधिकांश फतवों के पीछे वही होता है। तालिबान के नेतृत्व परिषद ने मुल्ला मंसूर पर हुए हवाई हमले के अगले दिन ही उसके उत्तराधिकारी की नियुक्ति से संबंधित बातचीत शुरू कर दी थी। तालिबान की ओर से मंगलवार को कहा गया था कि मुल्ला मंसूर की मौत से इस समूह के विद्रोह पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दूसरी ओर टोलो न्यूज के अनुसार, अफगानिस्तान की सरकार ने उम्मीद जताई है कि तालिबान के नए नेता शांति प्रक्रिया में भाग लेंगे। तालिबान के नए नेता की नियुक्ति की घोषणा के बाद बुधवार को काबुल में एक मिनी बस में आत्मघाती हमला हुआ जिसमें कम से कम 10 लोग मारे गए। बस न्यायालय के कर्मचारियों को लेकर जा रही थी। तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। ज्ञात हो कि सबसे पहले अमेरिका के रक्षा विभाग ने मुल्ला मंसूर पर हुए हमले की सूचना दी थी, लेकिन उसके मारे जाने की पुष्टि बाद में नेशनल डायरेक्ट्रेट ऑफ सिक्योरिटी सहित अफगानिस्तान के सुरक्षा संस्थानों ने की।


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