• देशबन्धु ने जानी हकीकत : 'भारत उदय' पर भारी खानापूर्ति और बेपरवाही

    भोपाल ! ग्रामोदय से भारत उदय अभियान में न तो जनप्रतिनिधियों की रुचि है, न ही अधिकारियों की। सरपंच और सचिव भी तमाम कोशिशों के बावजूद इस अभियान से जनता को नहीं जोड़ पा रहे हैं। ग्राम सभाओं और ग्राम संसदों में पहले की तरह कोरम का अभाव देखा जा रहा है।...

    भोपाल !   ग्रामोदय से भारत उदय अभियान में न तो जनप्रतिनिधियों की रुचि है, न ही अधिकारियों की। सरपंच और सचिव भी तमाम कोशिशों के बावजूद इस अभियान से जनता को नहीं जोड़ पा रहे हैं। ग्राम सभाओं और ग्राम संसदों में पहले की तरह कोरम का अभाव देखा जा रहा है। कई गांवों में तो मात्र रस्म अदायगी हो रही है। यह बात रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज विकासखण्ड में नोदरा, समनापुर, बरबरपुर, चिकलोद बड़वाई, अगरिया और तजपुरा में अभियान की जमीनी हकीकत जानने पर सामने आई। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जिस तरह जनसमस्या निवारण शिविर लगाकर लोगों से आवेदन लिए जाते थे और उनकी समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया जाता था, वैसी ही कार्यप्रणाली मौजूदा सरकार द्वारा ग्रामोदय अभियान में अपनाई जा रही है। इसे नई बोतल में पुरानी शराब कहना गलत नहीं होगा। इस अभियान में तीन दिवसीय ग्राम संसद पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। पहले दिन ग्रामसभा, दूसरे दिन हितग्राही सभा और तीसरे दिन किसान सभा रखने के निर्देश सभी ग्राम पंचायतों को दिए गए हैं। ग्राम पंचायत बरबतपुर में लोगों ने बताया, कि इस तरह के कोई अभियान की जानकारी उन्हें नहीं है। पिछली 19 अप्रैल को गांव में ग्राम सभा के लिए मुनादी ज़रूर की गई थी। दूसरी तरफ बरबतपुर पंचायत का सचिव रामेश्वर राजपूत चिकलोद में घूमते हुए मिला। उसने बताया, कि ग्राम सभा में पंचायत क्षेत्र के विकास कार्यों की सालाना कार्ययोजना बनाई गई। दूसरे दिन हितग्राही सभा में लोगों की जनसमस्याओं से संबंधित आवेदन लिए गए। तीसरे दिन किसान सभा रखी गई, जिसमें किसानों से संबंधित सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई और उनकी समस्याओं से संबंधित आवेदन स्वीकार किए गए। अगले चरण में स्वास्थ्य और महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की जानकारी लोगों को दी जाएगी। बिना सचिव के चला अभियान गांवों में हितग्राही मूलक योजनाओं और विकास कार्यों को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है, इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है, ग्राम पंचायत चिकलोद का सचिव पिछले 8 माह से बिना सूचना गायब है। उसकी अनुपस्थिति में ही सरपंच ने 20 से 22 अप्रैल को ग्राम संसद आयोजित की। बाद में 24 अप्रैल को ग्राम रोजगार सहायक शिवदयाल कुशवाह को प्रभारी सचिव बनाया गया। इसी गांव की ग्राम सभा में शामिल रहे महेश विश्वकर्मा बताते हैं, कि सभा में बमुश्किल 18 लोग जमा हो पाये। हालांकि, ग्राम पंचायत में रखी गई आवेदन पंजी से पता चलता है, कि जमीन का पट्टा, गरीबी रेखा में नाम जोडऩे, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, प्रधानमंत्री मजदूर बीमा का लाभ लेने और विवाह सहायता योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। गांव में पीने के पानी का गंभीर संकट है, किन्तु इस संबंध में एक भी आवेदन नहीं मिला। इसी तरह ग्राम विकास की कार्य योजना से भी पानी का विषय नदारद रहा। कुर्सी खाली, पंचायत भवन सूना नोदरा में दोपहर में ही पंचायत भवन सूना पड़ा हुआ था। सचिव और सरपंच की कुर्सी खाली पड़ी हुई थी। कुछ देर बाद ग्राम कोटवार मूलचंद वहां पहुंचा और बताया, कि सचिव जगदीश गौर और सरपंच प्रेम बाई बकोरिया ग्राम सभा स्थगित करके ग्राम खेड़ी गए हुए हैं, जहां प्रभारी मंत्री बाबूलाल गौर पहुंच रहे हैं। वे नवनिर्मित आंगनबाड़ी केन्द्र का फीता काटेंगे। अन्य पंचायतों की तरह यहां भी ग्राम सभा और ग्राम संसद के प्रति ग्रामीणों में रुचि का अभाव रहा। साढ़े 3 हजार की जनसंख्या वाली पंचायत में पहले दिन माह 52 और दूसरे दिन 63 ग्रामीण ही उपस्थित हुए। यहां भी उन्होंने गरीबी रेखा की सूची में नाम जोडऩे हेतु आवेदन दिया। पंचायत भवन के बाहर ग्रामोदय अभियान को लेकर कोई हलचल नहीं थी। अधिकांश लोग इस तरह के किसी अभियान से अनभिज्ञ थे। बेचा जा रहा है सरकारी ट्यूबवेल का पानी टीकरी समनापुर में भी ग्राम संसद का दूसरा दिन था। यहां पंचायत भवन में नोडल अधिकारी सुनील मारण के साथ सरपंच सूरज बाई और ग्राम रोजगार सहायक पवन श्री पाल हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी वहां मौजूद ग्रामीणों को दे रहे थे। ग्रामीणों को बीपीएल राशन कार्ड बनाने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के प्रकरण स्वीकृत करने की बात कहकर बुलाया गया था। इसके बावजूद 40-45 ग्रामीण ही ग्राम संसद में मौजूद थे। यहां भरी दोपहरी में पीने के पानी का इंतजाम नहीं था। नजदीकी होटल में जाकर लोग अपनी प्यास बुझा रहे थे। पंचायत सचिव के बारे में पूछा तो पता चला, कि सचिव देवकरण मेश्राम 4-5 माह से पंचायत कार्यालय ही नहीं पहुंचा है। उसकी जगह पंचायत का कामकाज ग्राम रोजगार सहायक ही देख रहे हैं। यहां ग्रामीणों के जाति प्रमाण पत्र बनवाने और मतदाता सूची में नाम जोडऩे का आवेदन भी प्राप्त हुए। एक शिकायत सरकारी ट्यूबवेल में मोटर लगाकर पानी बेचने की भी आई। संलग्न ग्राम पाजरा की महिला ममता बाई ने बताया, कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने 5-6 साल पहले ट्यूबवेल खोदकर छोड़ दिया था, जिसमें कुछ अरसा पहले गांव के ही दबंग अनीस खान ने खुद की मोटर डालकर चालू कर दिया। वह जलसंकट से जूझ रहे लगभग 1 दर्जन परिवारों को 3 सौ रुपए प्रति परिवार की दर से पानी बेच रहा है। इस बात की पुष्टि वहां मौजूद सरपंच सूरज बाई ने भी की। जब सरकारी ट्यूबवेल से पानी बेचने की जानकारी जनपद पंचायत के सीईओ विजय श्रीवास्तव को दी गई, तो उन्होंने कहा, कि यह शिकायत सही है, तो कार्रवाई की जाएगी। वैसे यदि पानी नि:शुल्क वितरित किया जाए तो पूरा विद्युत देयक सरकारी खजाने से देने का प्रावधान है। पीपली लाइव में मंत्री का इंतजार औबेदुल्लागंज जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम बड़वाई में ग्राम संसद का दूसरा दिन था। रोजमर्रा का अपना कामकाज छोड़कर अधिकारी यहां जमा हुए थे। प्राय: प्रत्येक विभाग के ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को यहां एकत्र कर मंत्री जी के स्वागत की व्यवस्था में लगाया गया था। कोई टेंट लगा रहा था, तो कोई कुर्सी जमा रहा था। किसी को फूल माला की व्यवस्था करने के लिए भी भेजा गया था। जनपद का एक अधिकारी ध्वनि विस्तारक यंत्र की व्यवस्था में लगा हुआ था। याद रहे, कि 'पीपली लाइवÓ फिल्म की पूरी शूटिंग इसी गांव में हुई थी और 'महंगाई डायन खाये जात हैÓ गाने को भी इसी गांव की भजन मंडली ने स्वर और संगीत दिया था। जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर शाम को यहां आने वाले थे। सरपंच कैलाश पेटारी ने बताया, कि ग्राम सभा के प्रति लोगों की रूचि नहीं है। इसलिए लोगों को इकट्ठा करना टेढ़ी खीर है। पहले दिन बमुश्किल 25-26 लोग ही जुट पाए थे। भीषण गर्मी के चलते भी लोग घरों से बाहर नहीं निकलते हैं। ग्रामीण रफीक भाई ने बताया, कि ऐसे किसी अभियान के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। किन्तु इतना ज़रूर पता है, कि कोई मंत्री जी आने वाले हैं। इसके लिए नई सड़क भी रातों रात तैयार की गई है। इनका कहना है ग्राम संसद में प्राप्त आवेदनों से संबंधित विभागों को भेजा जाएगा। 24 मई तक निराकरण करके विभागों से वापस मंगाया जाएगा। 24 से 31 मई तक प्रत्येक ग्राम पंचायत में पुन: ग्राम सभा होगी, इस दौरान आवेदनों के निराकरण की स्थिति की जानकारी प्रत्येक आवेदक को दी जाएगी। राजेश अवस्थी, समन्वयक, ज.पं. औबेदुल्लागंज


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