सुरक्षा व्यवस्था में खामिया
नई दिल्ली । पठानकोट आतंकवादी हमले पर संसद की एक समिति ने सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा, समय रहते आतंकवादी हमले की सूचना मिलने के बावजूद आतंकवादी वायु सैनिक अड्डे में घुसने तथा आतंकवादी हमले को अंजाम देने में कैसे सफल हो गए। गृह मंत्रालय से संबद्ध स्थाई समिति ने इस हमले की जांच में पाकिस्तान सरकार से मदद मांगने और पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल को देश में आने की अनुमति देने पर भी सवाल उठाते हुए इस फैसले का कारण जानना चाहा है। समिति ने सुरक्षा व्यवस्था को लचर बताते हुए कहा, सुरक्षा व्यवस्था अभी भी ठीक नहीं है। समिति ने कहा कि देश में आतंकरोधी गतिविधि में लगे सुरक्षा तंत्र में गंभीर खामी है। समिति ने पठानकोट वायुसैनिक अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर बताते हुए इस पर चिंता जताई है।
सवालों में सुरक्षा व्यवस्था
समिति ने पठानकोट वायु सैनिक अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि इसकी दीवार के साथ साथ गश्त लगाने के लिए रास्ता भी नहीं है और पूरे क्षेत्र में झाडिय़ों और घास की भरमार है। उसने सिफारिश की है कि सीमा के निकट होने के मद्देनजर वायु सैनिक अड्डे को उच्च सुरक्षा क्षेत्र घोषित कर इसकी दिन-रात चौकसी किए जानी चाहिए और आस-पास रहने वाले लोगों को भी इससे दूर रखा जाना चाहिए। समिति ने सीमा पार से हो रहे आतंकवादी हमलों के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय सीमा को गश्त, बाड़ और फ्लडलाइट लगाकर पूरी तरह सील करने की भी सिफारिश की है।
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समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब तक की जांच से यह भी सामने आया है कि इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ है। यह हमला पाकिस्तान की सुरक्षा तथा खुफिया एजेन्सियों की मदद के बिना नहीं हो सकता। उसने इस हमले की जांच में पाकिस्तान सरकार से मदद लेने तथा वहां के संयुक्त जांच दल को भारत आने देने के सरकार के निर्णय पर भी सवाल उठाया है।
सुरक्षा में चूक पर सरकार को फटकार,सुरक्षा प्रणाली में कमियां
समिति का मानना है कि बाड़, फ्लडलाइट व्यवस्था और सीमा सुरक्षा बल द्वारा नियमित गश्त के बावजूद पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों की घुसपैठ को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आतंकवाद रोधी सुरक्षा प्रणाली में गंभीर कमियां हैं।