श्रीनगर ! आतंकवादियों के विरूद्ध चलाए जाने वाले अभियान के दौरान पत्थरबाजों द्वारा जवानों पर पत्थरबाजी कर आतंकियों को भागने में सहायता करने की स्थानीय लोगों की रणनीति से परेशान सेना ने अब राज्य सरकार से कहा है कि अगर वह इन पत्थरबाजों की लगाम नहीं कसती है तो वे मजबूरन इन अभियानों में शिरकत नहीं करेंगे।
अधिकारियों के बकौल, सेना राज्य सरकार को यह चेतावनी देने को इसलिए मजबूर हुई है क्योंकि रक्षा सूत्रों के अनुसार, पिछले 4 महीनों में 30 से अधिक आतंकी इन पत्थरबाजों की 'मेहरबानीÓ के कारण अभियानों के दौरान बच निकलने में कामयाब रहे।
एक सेना अधिकारी ने कहा कि 28 अप्रैल के दिन कुपवाड़ा और अनंतनाग में दो आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सेना को कई दिक्कतों का उस समय सामना करना पड़ा जब पत्थरबाजों ने उनके उन जवानों पर पथराव आरंभ कर दिया था, जिन्होंने 6 से अधिक आतंकियों को अपने घेरे में ले रखा था और वे उन्हेंं लगभग ढेर ही कर चुके थे पर पत्थरबाजों पर सयंम बरतने के कारण हम अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए।
सेना चाहती है कि पत्थरबाजी के मुद्दे से नागरिक और पुलिस प्रशासन ही अपने बल पर निपटे। लेकिन वे इसके प्रति आश्वस्त होना चाहते हैं कि आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान पत्थरबाजों के साथ सख्ती से निपटा जाए ताकि अभियानों पर कोई प्रभाव न पड़े और अगर ऐसा नहीं होता है तो सेना इन अभियानों से पीछे हटने के विकल्प को खुला रखेगी।