• 'मेक इन इंडिया' अभियान में शामिल होने के लिए न्यूजीलैंड को न्योता

    ऑकलैंड ! राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को न्यूजीलैंड के निवेशकों और उद्यमियों को 'मेक इन इंडिया' अभियान में शामिल होने का न्योता दिया।...

    ऑकलैंड !  राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को न्यूजीलैंड के निवेशकों और उद्यमियों को 'मेक इन इंडिया' अभियान में शामिल होने का न्योता दिया। पापुआ न्यू गिनी से न्यूजीलैंड पहुंचने पर राष्ट्रपति मुखर्जी के सम्मान में गवर्नर जनरल सर जेरी मातेपारे ने भोज दिया। इस दौरान मुखर्जी ने कहा, "न्यूजीलैंड डेयरी विकास, खाद्य प्रसंस्करण, संचार, बायोटेक्न ोलॉजी, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य और सेवाओं के क्षेत्र में काफी विकास किया है।"

    उन्होंने कहा, "हमलोग इन क्षेत्रों में न्यूजीलैंड के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाना चाहेंगे और मिलकर नए उत्पाद और नई प्रौद्योगिकी विकसित करना चाहेंगे।"

    राष्ट्रपति ने कहा कि समान हितों के क्षेत्रों में भारत न्यूजीलैंड के साथ नई साझीदारी की ओर देख रहा है।

    उन्होंने कहा, "हम न्यूजीलैंड के निवेशकों और उद्यमियों को अपने भारतीय समकक्षों के मिलकर मेरी सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान में शामिल होने का न्योता देता हूं।"

    उन्होंने कहा कि 2011 में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की के भारत दौरे से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिली है।

    मुखर्जी ने कहा कि 2013 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार एक अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया। फिर भी दोनों देश इस बात पर राजी हैं कि पर्याप्त संभावनाओं के मद्देनजर व्यापार और निवेश के वर्तमान स्तर को और बढ़ाना चाहिए।

    राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए न्यूजीलैंड से सहयोग की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बड़ी जिम्मेवारी उठाने को तैयार है।


    भारतीय प्रवासियों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि न्यूजीलैंड 170000 भारतीयों का घर है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ने से दोनों देशों में पर्यटकों का प्रवाह बढ़ रहा है।

    प्रणब मुखर्जी पहले भरतीय राष्ट्रपति हैं जिन्होंने न्यूजीलैंड की यात्रा की है।

    न्यूजीलैंड के रणनीति पत्र के अनुसार वह भारत को मुख्य व्यापारिक, आर्थिक और राजनीतिक साझीदार बनाना चाहता है।

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता की भारत की इच्छा का न्यूजी लैंड समर्थन करता है।

    कृषि और डेयरी के अलावा न्यूजीलैंड के पास कुछ खास अनोखी उच्च प्रौद्योगिकी कौशल और क्षमताएं हैं।

    भारत न्यूजीलैंड की सुरक्षा प्रणाली का बखूबी इस्तेमाल संसद, भारतीय अनुसंधान संगठन और हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड में कर रहा है।

    इसके अलावा शीत गृह आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और फसल बाद प्रौद्योगिकी में न्यूजीलैंड को महारत हासिल है जिसमें भारत की भी दिलचस्पी है।

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