• अगस्तावेस्टलैंड से कोई सौदा नहीं : केंद्र

    नई दिल्ली ! सरकार ने शनिवार को कहा कि विमान निर्माता कंपनी अगस्तावेस्टलैंड के साथ कोई सौदा नहीं हुआ है। इटली की यह कंपनी भारत के अतिविशिष्ट लोगों के लिए खरीदे गए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वत देने की आरोपी है। सरकार के एक बयान में कहा गया है...

    नई दिल्ली !   सरकार ने शनिवार को कहा कि विमान निर्माता कंपनी अगस्तावेस्टलैंड के साथ कोई सौदा नहीं हुआ है। इटली की यह कंपनी भारत के अतिविशिष्ट लोगों के लिए खरीदे गए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वत देने की आरोपी है। सरकार के एक बयान में कहा गया है, यह अपने भ्रष्टाचार से जनता का ध्यान हटाने का विपक्ष का अभियान है। कुछ लोगों ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अप्रैल 2015 में अगस्तावेस्टलैंड को नौसेना के काम आने वाले 100 हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत दी है। बयान में कहा गया है, कोई प्रस्ताव के लिए कोई आग्रह पत्र नहीं जारी किया गया है। इसलिए नौसेना के लिए अगस्तावेस्ट लैंड को अप्रैल 2015 की निविदा में भाग लेने की इजाजत देने को कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। साथ ही यह भी कहा गया है कि सरकार इस संभावना पर विचार कर रही है कि क्या उसके निर्माण पर भारत के मेक इन इंडिया के तहत अनुसरण किया जा सकता है? बयान में यह भी कहा गया है कि हकीकत यह है कि नौसेना के उपयोग वाले हेलीकॉप्टरों के प्रस्ताव (आरएफपी) के लिए तकनीकी और वाणिज्यिक आग्रह पत्र 4 अगस्त, 2012 को आठ आपूर्तिकर्ताओं को जारी किए गए थे। आरएफपी के जवाब में फ्रांस के यूरोकाप्टर्स, और इटली के अगस्तावेस्टलैंड ने 4 मार्च 2013 को अपने तकनीकी-वाणिज्यिक प्रस्ताव पेश किए। आरएफपी को वर्ष 2014 के 13 अक्टूबर को वापस ले लिया गया। कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए सरकार से सवाल किया है कि क्या सरकार ने इटली के साथ कोई समझौता किया है। नहीं तो मेक इन इंडिया में अगस्तावेस्टलैंड को भाग लेने की इजाजत क्यों दी? सरकार ने यह भी कहा है कि सच्चाई का पता लगाने के लिए उसने प्रभावी कदम उठाए हैं और हेलीकॉप्टर सौदे में गलत करने वालों व भ्रष्ट लोगों को न्याय के दायरे में लाने के लिए कोई कदम उठा नहीं रखेगी।


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