• कैग ने रेलवे को दी यात्री किराया बढ़ाने की नसीहत

    नयी दिल्ली ! नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेलवे के वित्त प्रबंधन पर चिंता व्यक्त करते हुए उसे यात्री किरायों एवं अन्य कोचिंग शुल्कों की समीक्षा करके लागत वसूलने तथा मूल्य ह्रास आरक्षित निधि अवशेष में सुधार लाने की सिफारिश की है।...

    नयी दिल्ली !   नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेलवे के वित्त प्रबंधन पर चिंता व्यक्त करते हुए उसे यात्री किरायों एवं अन्य कोचिंग शुल्कों की समीक्षा करके लागत वसूलने तथा मूल्य ह्रास आरक्षित निधि अवशेष में सुधार लाने की सिफारिश की है। कैग की संसद के दोनों सदनों में रेलवे वित्त पर वर्ष 2014-15 की रिपोर्ट आज पेश की गयी। रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2013-14 के दौरान एक तरफ मालभाड़ा यातायात से 32 हजार 641.69 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। वहीं यात्री एवं अन्य कोचिंग सेवाओं में 31 हजार 727.44 करोड़ रुपये की हानि उठायी। कैग ने कहा कि यद्यपि 2014-15 में यात्री सेवाओं की लागत वसूली में सुधार आया है फिर भी रेल मंत्रालय को यात्री किराया एवं कोचिंग सेवाओं की प्रचालन लागत वसूल किये जाने के लिये अपनी कार्यप्रणाली के पुनरावलोकन की आवश्यकता है। कैग ने कहा कि वर्ष 2014-15 के अंत तक रेलवे की निधियों में 6872.73 करोड़ रुपये का शेष था। निधि शेष में वर्ष 2013-14 के 6025.28 करोड़ रुपये की तुलना में 847.45 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। विकास निधि भी 2013.12 करोड़ रुपये और पूंजीगत निधि 1388.90 करोड़ रुपये पर बंद हुई। कैग ने यह भी बताया कि रेलवे निधि में सकारात्मक शेष पूंजीगत निधि से वर्ष 2011-14 के दौरान भारतीय रेलवे वित्त निगम को 12629.49 करोड़ रुपये के भुगतान ना करने के कारण था।


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