• परीक्षाओं में गड़बड़ी गंभीर लापरवाही

    बिलासपुर विश्वविद्यालय का पीएससी प्रथम वर्ष की अंग्रेजी का परचा लीक हो गया। परीक्षाओं से संबंधित एक के बाद एक गड़बडिय़ां सामने आने के बाद 17 से 22 मार्च के बीच होने वाली विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं कुलपति ने स्थगित कर दी हैं। ...

    बिलासपुर विश्वविद्यालय का पीएससी प्रथम वर्ष की अंग्रेजी का परचा लीक हो गया। परीक्षाओं से संबंधित एक के बाद एक गड़बडिय़ां सामने आने के बाद 17 से 22 मार्च के बीच होने वाली विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं कुलपति ने स्थगित कर दी हैं। विश्वविद्यालय ने फिलहाल पर्चा लीक होने की घटना की पुष्टि नहीं की है और आंतरिक जांच पड़ताल चल रही है। विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि जल्दी ही वास्तविकता का पता लगाकर निर्णय लिया जाएगा। इस बीच एक खबर बेहद चौंकाने वाली है कि पुलिस पर्चा लीक होने के मामले में 6 संदेहियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। एक तरफ विश्वविद्यालय पर्चा लीक होने की पुष्टि करने में हिचकिचा रहा है और दूसरी तरफ परचा लीक के 6 संदेही पुलिस के हाथ लग गए। बिलासपुर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में अब तक कई गड़बडिय़ां सामने आ चुकी है। छात्रों ने तीव्र विरोध प्रदर्शित करते हुए विश्वविद्यालय में तोडफ़ोड़ भी मचाई है। परीक्षाओं में इस तरह की  गड़बडिय़ों को बड़ी लापरवाही कहा जा सकता है। परचा लीक मामले में पकड़े गए संदेहियों से गड़बडिय़ों का राज खुल सकता है। परचा लीक होना तो एकअलग घटना है,विश्वविद्यालय द्वारा  मुख्य परीक्षा की तिथि अचानक बदल देने से कई छात्रों के परीक्षा से वंचित होने, बीएससी हिन्दी का परचा कथित रुप से व्हाट्सएप पर आ जाने तथा बीबीए की परीक्षा में पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न पूछे जाने को लेकर भी छात्र आंदोलित है। रोज के हंगामें को देखते हुए विश्वविद्यालय को परीक्षाएं टालने का निर्णय लेना पड़ा। यह पहली बार हुआ है जब विश्वविद्यालय ने बीच में परीक्षाएं स्थगित की हैं। विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति की कुशलता ही संदेह के घेरे में आ गई है। जब तक गड़बडिय़ों की सारी हकीकत सामने नहीं आ जाती तब तक परीक्षाओं को शंका की ही नजर से देखा जाएगा। संभवत: इसीलिए विश्वविद्यालय ने कोशिश की है कि परीक्षाएं स्थगित कर पहले इसकी छानबीन करा ली जाए।  कुछ समय पहले सरगुजा विश्वविद्यालय  में फर्जी अंकसूची बनाने के मामले में वहां के कर्मचारियों की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया गया था। उच्च शिक्षा में परीक्षाओं के आयोजन और फर्जी अंकसूचियां बनाने की घटनाएं हमारी शिक्षा व्यवस्था की छबि खराब कराने वाली हैं। विश्वविद्यालयों को इस पर विचार करना होगा कि इन गड़बडिय़ों को दूर करने के लिए किस तरह के तत्काल उपाए किए जा सकते हैं।  ऐसा लगता है कि पहली जरुरत सच्चाई को स्वीकार करने की है। अगर परचा लीक हुआ है या किसी विश्वविद्यालय  में फर्जी अंकसूची बनाने में कर्मचारियों की आपराधिक भूमिका का पता चला हो तो सबसे पहले सफाई विश्वविद्यालय को अपने परिसर के भीतर ही करनी होगी। बिलासपुर विश्वविद्यालय में परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी के मामलों में क्या निर्णय आता है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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