• शनि शिंगणापुर मंदिर पर महिलाओं की एंट्री

    अहमदनगर (महाराष्ट्र) ! प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में कहा है कि शुक्रवार से महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर पूजा-अर्चना कर सकेंगी।...

    अहमदनगर (महाराष्ट्र) !    प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में कहा है कि शुक्रवार से महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर पूजा-अर्चना कर सकेंगी। यह महत्वपूर्ण निर्णय ट्रस्ट की एक बैठक में ऐसे समय में लिया गया, जब एक सप्ताह पहले बम्बई उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा था कि किसी भी पूजास्थल में महिलाओं को प्रवेश करने से रोकने का कोई कानून नहीं है। ट्रस्ट के निर्णय की घोषणा बाद में ट्रस्टी शालिनी लांडे ने की। ट्रस्ट की अध्यक्ष अनिता शेट्ये ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया, "हां, हमने निर्णय ले लिया है। और अब हम अन्य बातों को तय करेंगे, जैसे कि महिलाएं कब वहां जाकर पूजा कर सकती हैं।" उल्लेखनीय है कि चार दशकों से महिलाओं को यहां काले पत्थर पर कदम रखने की अनुमति नहीं थीं, जो कि शनिदेव का प्रतीक है। संयोग से, इस साल जनवरी में ट्रस्ट की परंपरा और सर्वसम्मति बदली और अनिता शेट्ये को पहली महिला अध्यक्ष के रूप में चुना गया और ट्रस्टी के रूप में शालिनी लांडे की नियुक्ति की गई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस फैसले का तत्काल स्वागत किया। इसके लिए भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड नामक महिलाओं के समूह ने चार महीने तक आंदोलन किया था। उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल को बंबई उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ में शामिल मुख्य न्यायमूर्ति डी. एच. वाघेला और न्यायमूर्ति एम. एस. सोनक ने फैसला सुनाया था कि महाराष्ट्र हिंदू पूजास्थल (प्रवेश अधिकार) अधिनियम, 1956 के तहत, महिलाओं को किसी भी पूजा स्थल में प्रवेश से वर्जित नहीं किया जा सकता है।


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