• दिल्ली में बदली जाएंगी सभी पारंपरिक स्ट्रीट लाइट और हाई मास्ट लाइट, समूचा क्षेत्र होगा जगमग

    नई दिल्ली । अपने समूचे क्षेत्र को पूरी तरह जगमग बनाने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने कमर कस ली है। महापौर सुभाष आर्य ने एक बैठक में निगम की पारम्परिक स्ट्रीट लाइट, हाई मास्ट लाइट और खराब स्ट्रीट लाइट को बिजली की कम खपत वाली एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट से बदलने का फैसला किया। इससे स्ट्रीट लाइट पर होने वाले बिजली के बिल के खर्च में काफी बचत आयेगी।...

    -पार्कों में नयी एल.ई.डी. लाइट लगाने का फैसला  -पार्षदों को वार्ड में लगवाने के लिए दी जाएंगी 100 एल.ई.डी. लाइट  -शिकायत निवारण के लिए नियंत्रण कक्ष

    नई दिल्ली । अपने समूचे क्षेत्र को पूरी तरह जगमग बनाने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने कमर कस ली है। महापौर सुभाष आर्य ने एक बैठक में निगम की पारम्परिक स्ट्रीट लाइट, हाई मास्ट लाइट और खराब स्ट्रीट लाइट को बिजली की कम खपत वाली एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट से बदलने का फैसला किया। इससे स्ट्रीट लाइट पर होने वाले बिजली के बिल के खर्च में काफी बचत आयेगी।

    इसके अलावा निगम के कार्बन उत्सर्जन में काफी गिरावट आयेगी जिससे उससे कार्बन क्रेडिट से आय अर्जित होने की उम्मीद है। निगम के इलेक्ट्रिक विभाग के मुख्य अभियंता, बिजली कंपनी बी.एस.ई.एस. तथा ऊर्जा कुशल सेवा लिमिटेड-ई.ई.एस.एल. के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए महापौर ने सभी पक्षों से एसडीएमसी क्षेत्र को नये युग की एल.ई.डी. लाइट से बदलकर रौशन करने के लिए गंभीरता से काम करने को कहा।


    उन्होंने कहा कि एसडीएमसी को आधुनिक स्ट्रीट लाइट प्रणाली की दिशा में देश में सबसे पहले स्थान पर ले जाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। महापौर ने संबंधित पक्षों को निर्देश दिये कि वे रोशनी रहित इलाकों, कॉलोनियों के ऐसे क्षेत्र जहाँ अभी स्ट्रीट लाइट लगी नहीं है और खराब स्ट्रीट लाइट के स्थान की पहचान करें ताकि निगम जल्द से जल्द वहां एल.ई.डी लाइट लगा सके। उन खराब स्ट्रीट लाइटों को बदला जायेगा जिनमें पारम्परिक और एल.ई.डी. लाइट शामिल होंगीं।

    महापौर ने कहा कि पार्षदों को 100-100 एल.ई.डी. लाइट अपने वार्ड में आवश्यकतानुसार लगवाने के लिए दी जायेगी। पारम्परिक स्ट्रीट लाइट को एल.ई.डी. लाइट से बदलने में रोशनी रहित इलाकों, दो पोल के बीच आवश्यक स्थान, पार्कों और धार्मिक स्थलों में एल.ई.डी. लाइट लगाना शामिल है। आर्य ने कहा कि एसडीएमसी ने लगभग 1.5 लाख पारम्परिक स्ट्रीट लाइट को एल.ई.डी लाइट से बदल दिया है जिनकी जलने की अवधि और कुशलता ज्यादा है और जिनमें खराबी की आशंका कम रहती है।

    उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समन्वित प्रयास से एसडीएमसी बहुत जल्द बाकी 48,000 स्ट्रीट लाइट को बदल पायेगा। इससे एल.ई.डी. लाइट की कुल संख्या 1.98 लाख से बढ़कर दो लाख पाँच हजार से ज्यादा हो जायेगी क्योंकि पार्कों और धार्मिक स्थलों पर एल.ई.डी. लाइट लगायी जानी है। खराबियों पर नज़र रखने और उन्हें दुरुस्त रखने के लिए दोष रहित व्यवस्था स्थापित करने का फैसला किया गया है। प्रत्येक चार वार्ड को मिलाकर एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जायेगा जहाँ से यह व्यवस्था संचालित होगी।

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