• स्वाति मालीवाल बोलीं gate out- IRCTC की महिला कर्मचारियों आरोप

    अध्यक्ष महोदया बिफर कर बोली कि तुम लोगों की हिम्मत कैसी हुई कि मेरे ईजाजत के बिना मेरे केबिन में आ गईं, gate out from my cabin।...

    नई दिल्ली। आई.आर.सी.टी.सी की महिला कर्मचारियों का आरोप है कि 10 से 12 बजे बाथरूम रोक की शिकायत महिला आयोग में करने के कारण 92 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया।

    महिला आयोग में पिछले सात महीने से आई.आर.सी.टी.सी महिला कर्मचारियों के तीन केस लंबित हैं, जिसके सिलसिले में महिला कर्मचारी अपनी शिकायत पर आयोग की रिपोर्ट की कॉपी एवं आयोग की कार्यवाही की कॉपी की मॉग कर रही हैं। इसके लिए वे लिखित में अर्जी दे चुकी हैं। मगर उनका आरोप है कि बार-बार उनको महिला आयोग की अध्यक्ष से मिलने के लिए बुलाया जाता हैं और 2 से 3 घंटे बैठाने के बाद कल आने को बोल दिया जाता हैं। अब तीसरी बार महिला कर्मचारियों को उनके मुद्दे पर श्रीमति स्वाती मलिवाल, अध्यक्ष, महिला आयोग से बात करने के फोन करके दोपहर 1:30 बजे बुलाया।

    दिल्ली ऑफिसेज एण्ड इस्टाब्लिसमेंट इम्पलाईज यूनियन ( सीटू ) की आई.आर.सी.टी.सी. शाखा के महासचिव सुरजीत श्यामल ने बताया कि महिला कर्मचारियों का प्रतिनिधि मंडल दुबारा से मिलने के लिए ठीक 1:30 बजे पहुँचा। उनको 3 बजे तक महिला आयोग के अध्यक्ष के केबिन के बाहर बैठाये रखा गया। इतने समय में न तो उनको मिलने दिया गया और न ही कर्मचारीगण अपनी शिकायत पर आयोग की रिपोर्ट की कॉपी एवं आयोग की कार्यवाही की कॉपी ही दी। जबकि खुद महिला आयोग अध्यक्ष ने ही महिला कर्मचारियों को फोन करके बुलाया था। जब बाहर बैठे 2 घंटे से उपर हो गया तो महिला कर्मचारियों के सब्र का बॉंध टूट गया। जिसके बाद वे बिना बुलाये ही अध्यक्ष के केबिन में चली गई। जिससे अध्यक्ष महोदया बिफर कर बोली कि तुम लोगों की हिम्मत कैसी हुई कि मेरे ईजाजत के बिना मेरे केबिन में आ गई, gate out from my cabin।


    महिला कर्मचारियों ने कहा कि एक तो आईआरसीटीसी प्रबंधकों द्वारा हमें परेशान किया गया और बहुत ही उम्मीद के साथ आपके पास आये थे, मगर पिछले सात महिने से हमें यहॉ भी परेशान किया जा रहा है। पिछले कई दिनों से आपसे मिलने के लिए बुलाया जा रहा मगर हमेशा 2 से 4 घंटे बैठाकर वापस लौटा दिया जाता है। हम तो बस केवल अपनी शिकायत पर आयोग की रिपोर्ट की कॉपी एवं आयोग की कार्यवाही (proceedings) की कॉपी प्राप्त करने का अनुरोध करती हैं। इसपर गुस्से में तमतमाते हुए माननीय अघ्यक्ष महोदय ने कहा कि मैं इस महिला आयोग की अध्यक्ष हूँ और मुझसे मिलने के लिए तुमलोगों को 4 घंटे क्या 5 घंटे भी बैठना होगा और मैं तुम लोगों को क्या देना है और क्या नहीं इसके लिए मुझे मत सिखाओ। इसके बाद महिला कर्मचारियों को केबिन से बाहर निकाल दिया गया।

    महिला आयोग के इस रवैये के दुखी महिला कर्मचारियों ने स्वाती मलिवाल, हाय-हाय, महिलाओं को परेशान करना बंद करो, अरविंद केजरीवाल मुर्दाबाद आदि के नारे लगाये। महिला आयोग में अपनी सुनवाई का इंतजार कर रहे परेशान महिलायों ने भी नारेबाजी की।

    दिल्ली ऑफिसेज एण्ड इस्टाब्लिसमेंट इम्पलाईज यूनियन ( सीटू ) की आई.आर.सी.टी.सी. शाखा के महासचिव सुरजीत श्यामल ने बताया कि महिला आयोग ने खुद ही महिला के शिकायत पर आयोग की कारवाई 90 दिनों में पुरी करने की बात आरटीआई के जबाब में कही है। मगर महिलाओं के लिए बने महिला आयोग के मुखिया का महिलाओं के प्रति इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण व शर्मनाक हैं।

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