नई दिल्ली ! केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने के खिलाफ हुए प्रदर्शन को पाकिस्तानी आतंकी संगठन हाफिज सईद का 'समर्थन' मिला था। उनके बयान से राजनैतिक हलकों में विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने मांग की है कि गृह मंत्री अपनी इस बात के समर्थन में सबूत पेश करें।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट की झड़ी लगाकर राजनाथ के बयान को सवालों के घेरे में खड़ा किया है।
येचुरी ने लिखा, "केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जेएनयू प्रदर्शन को आतंकियों के 'समर्थन' का बेहद गंभीर आरोप लगाया है। हमें उम्मीद है कि उनके पास इसका पुख्ता सबूत होगा।"
उन्होंने लिखा है, " हमने जब कल (शनिवार को) गृह मंत्री से मुलाकात की थी तो उन्होंने हमसे हाफिज सईद का जिक्र नहीं किया था। वह केवल प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई नारेबाजी पर टिके हुए थे।"
येचुरी ने कहा, "यह जेएनयू की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए गोलपोस्ट बदलने की कवायद लग रही है।"
येचुरी ने लिखा है, "आरोप की गंभीरता को देखते हुए, जिसे कि खुद गृह मंत्री ने लगाया है, हम चाहेंगे कि इससे जुड़े सबूत देश के सामने रखे जाएं।"
माकपा महासचिव ने लिखा है, "हम चिंतित हैं क्योंकि हम पहले भी देख चुके हैं कि गृह मंत्री ने पठानकोट पर आतंकी हमले से जुड़ी अपनी पोस्ट हटा दी थी।"
राजनाथ ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था कि जेएनयू में जो कुछ हुआ है उसे हाफिज सईद का भी समर्थन हासिल है और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, "जेएनयू में जो कुछ हुआ, उसे लश्कर-ए-तैयबा के हाफिज सईद का भी समर्थन मिला है। देश को सच्चाई स्वीकारनी चाहिए।"
राजनाथ ने अपने बयान का कोई संदर्भ नहीं दिया। एक ट्वीट हाफिज सईद के कथित ट्विटर हैंडल के जरिए सामने आया था। इसमें जेएनयू के कार्यक्रम का समर्थन किया गया था। इसमें पाकिस्तानियों से कहा गया था कि 'पाकिस्तान समर्थक जेएनयू के भाइयों' की वजह से जेएनयू का समर्थन करें।
लेकिन, यह ट्विटर हैंडल सत्यापित नहीं है और ऐसा लगता है कि इस ट्वीट को बाद में हटा दिया गया।
हाफिज सईद मुंबई के आतंकी हमलों में वांछित है।