• तेन्दूपत्ता बोनस राशि में 10 लाख का गोलमाल!

    बिलासपुर ! तेन्दू पत्ता संग्राहकों को लाभांश का बोनस बांटने सरकार की योजना पर वन विभाग के अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं। बोनस राशि निकाल कर संग्राहकों को बांटने के बजाय खुद हड़प रहे हैं। रतनपुर रेंज में 10 लाख रुपए के बोनस राशि में गोलमाल की बात सामने आई तो विभाग ने आनन फानन में जांच कमेटी गठित कर दी।...

    जांच कमेटी गठित एक निलंबित बिलासपुर !    तेन्दू पत्ता संग्राहकों को लाभांश का बोनस बांटने सरकार की योजना पर वन विभाग के अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं। बोनस राशि निकाल कर संग्राहकों को बांटने के बजाय खुद हड़प रहे हैं। रतनपुर रेंज में 10 लाख रुपए के बोनस राशि में गोलमाल की बात सामने आई तो विभाग ने आनन फानन में जांच कमेटी गठित कर दी। एक कर्मचारी को बलि का बकरा बनाते हुए निलंबित भी कर दिया गया। रतनपुर रेंज के कंचनपुर सर्किल के लगभग एक हजार  तेन्दूपत्ता संग्राहक मजदूरों के देय  वर्ष 2013 की बोनस राशि दस लाख रूपये को विभाग में ही हड़प लिया गया और बोनस मजदूरों तक नहीं पहुंच पाया। जन समस्या शिविर करगीकला में जब संग्राहकों ने शिकायत किया तब जाकर विभागीय जांच करवाया जा रहा है। संग्राहक मजदूर आज भी बोनस पाने के इंतजार में है। गौरतलब है कि शासन तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभांश का अस्सी फीसदी बोनस के रुप में देता है। वर्ष 2013 में रतनपुर रेंज के कंचनपुर सर्किल में लगभग एक हजार तेन्दूपत्ता संग्राहक मजदूर कार्यरत थे, जिनका वर्ष 2013 में बोनस राशि करीब दस लाख रूपये, समिति के खाते में जमा करवाया गया था लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा राशि के हड़प लिया गया। जानकारी के अनुसार रतनपुर रेंजर आर के पण्डा व तत्कालीन प्रबंधक रामचरण विश्वकर्मा के संयुक्त हस्ताक्षर से पूरी राशि का आहरण कर लिया गया। इस कारनामे को विभाग के अधिकारी पूरी तरह जान रहे हैं। आनन-फानन में बनी जांच टीम बोनस राशि हड़पे जाने की खबर जब रायपुर तक पहुंचा तो आनन फानन में जांच टीम बनाकर जांच कराई जा रही है। टीम के सामने यह भी चुनौती है कि इसी माह उपप्रबंधक लघु वनोंपज अधिकारी पी.सी. अग्रवाल व रेंजर आर के पण्डा सेवानिवृत्त होने वाले हैं, इस गबन में कुल मिलाकर प्रबंधक रामचरण विश्वकर्मा को ही बली का बकरा बनाकर निलंबित कर दिया गया है और जांच कार्रवाई एक दिखावा मात्र है। यह है नियम शासन द्वारा प्रतिवर्ष वनोंपज तेन्दूपत्ता को वनवासियों के रोजगार का प्रमुख साधन मानकर संग्रहण करवाया है और उन्हें कई प्रकार की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती है। प्रति मानक बोरा लाभांश का बोनस भी संग्रहक को दिया जाता है और पूरी राशि समिति के खाते में जमा करवा दिया जाता है। जिसे चेक के माध्यम से मजदूरों को भुगतान किया जाता है। लेकिन कंचनपुर समिति में नियम को ताक में रखकर प्रभारी अधिकारी व समिति प्रबंधक द्वारा निकाल लिया गया।  


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