• पाक पीएम को बधाई, मुझ पर हमला, ये कहाँ का इंसाफ है मोदी जी

    नई दिल्ली ! दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सहकारी संघवाद' के वादे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को तो जन्मदिन की बधाई देते हैं, लेकिन उन पर हमले बोलते हैं। अपनी आम आदमी पार्टी सरकार का एक साल पूरा होने पर...

    नई दिल्ली !   दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सहकारी संघवाद' के वादे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को तो जन्मदिन की बधाई देते हैं, लेकिन उन पर हमले बोलते हैं। अपनी आम आदमी पार्टी सरकार का एक साल पूरा होने पर केजरीवाल ने आउटलुक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा, "आप (मोदी) जाते हैं और नवाज शरीफ को हैप्पी बर्थडे कहते हैं। और मुझ पर हमला बोलते हैं। क्या मैं पाकिस्तान से भी खराब हूं?" केजरीवाल ने आप सरकार की केंद्र के साथ लगातार जारी तकरार के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को दोषी बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सहकारी संघवाद को दिल्ली में सिर के बल खड़ा कर दिया है। केजरीवाल ने कहा, "सहकारी संघवाद एक ढकोसला है। बेवकूफ बना रहे हैं सारी दुनिया को।" केजरीवाल ने पूछा, "केंद्र ने अर्धसैनिक बल भेजकर हमारे भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) को हड़प लिया। क्या यही सहकारी संघवाद है? उपराज्यपाल कृषि भूमि सर्किल रेट बढ़ाने के मेरे आदेश को रद्द कर देते हैं। क्या यही सहकारी संघवाद है? अगर मैं किसी अधिकारी का तबादला करता हूं या उस पर कार्रवाई करता हूं तो वे इसे अवैध घोषित कर देते हैं। क्या यही सहकारी संघवाद है?" दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने पर फरवरी 2015 में मोदी ने केजरीवाल को चाय पर बुलाया था। लेकिन, केजरीवाल ने कहा कि अगस्त में प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए उन्हें दो महीने इंतजार करना पड़ा था। केजरीवाल ने कहा कि बीते छह महीने में उनकी और मोदी की कोई औपचारिक मुलाकात नहीं हुई है। यह पूछने पर कि उन्हें क्यों लगता है कि भाजपा उनसे संघर्ष की मुद्रा में है, केजरीवाल ने कहा, "इसका कोई जवाब नहीं है..सिवाय बदले के (दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप के हाथों भाजपा की करारी शिकस्त का बदला)।" केजरीवाल ने कहा, "इसका कोई राजनैतिक और तार्किक अर्थ नहीं बनता। इसका कोई भी तुक नहीं बनता।" उन्होंने कहा, "यह पीएमओ है, खासकर नृपेंद्र मिश्रा (प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव) जो पूरे अभियान (सरकार गिराने के) का संचालन कर रहे हैं।" केजरीवाल ने मई 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से केंद्र सरकार के कामकाज पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "बीते दो साल की घटनाएं डर पैदा करती हैं। असहिष्णुता का मुद्दा..लोग इसे धार्मिक कट्टरता, सांप्रदायिकता कहते हैं। मैं इसे गुंडागर्दी कहता हूं।" केजरीवाल ने कहा, "उन्हें किसी धर्म या समुदाय की चिंता नहीं है। अगर आप कुछ ऐसा कहते हैं या करते हैं जो उन्हें पसंद नहीं है तो वे आपको सबक सिखाएंगे। यही सबक वे देना चाहते हैं।" दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, "(अभिनेता) आमिर खान की क्या गलती थी? उन्होंने सिर्फ यह कहा था कि उनकी पत्नी सुरक्षित नहीं महसूस करती। प्रधानमंत्री की हैसियत से उन्हें उनके यहां दो गार्ड भेजने चाहिए थे। बजाए इसके इन्होंने उनके (आमिर के) सभी विज्ञापन और कांट्रैक्ट रद्द कर दिए।" केजरीवाल ने इस बात से इनकार किया कि उनकी कोई राष्ट्रीय राजनैतिक इच्छा है। लेकिन, उन्होंने कहा कि पंजाब चुनाव में भी आम आदमी पार्टी दिल्ली जैसी जीत हासिल करने जा रही है। उन्होंने कहा कि वह पंजाब चुनाव पर ध्यान देने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ेंगे।


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