नई दिल्ली ! जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को शुक्रवार को राष्ट्रद्रोह और आपराधिक साजिश के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। कुमार को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उन्होंने छात्रों द्वारा संसद हमले में दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाए थे। अफजल गुरु को 2014 में तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी।
कन्हैया को जेएनयू के एक छात्रावास से दक्षिण दिल्ली की वसंत कुंज उत्तर पुलिस ने गिरफ्तार किया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया था कि राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, इसके कुछ ही घंटों के बाद यह कार्रवाई की गई।
पुलिस ने दावा किया है कि कुमार को एक वीडियो में देखा गया है जिसमें लोग भारत विरोधी नारे लगा रहे थे।
पुलिस ने कुमार को अदालत में पेश किया और उससे पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की मांग की। पुलिस ने कहा कि कुछ आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों की जांच और उस कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाने में शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है।
पुलिस ने अदालत को बताया कि जो पांच अन्य आरोपी उस वीडियो में हैं उनके नाम उमर खालिद, अनिरवन भट्टाचार्य, आशुतोष, अनंत प्रकाश और रामा नागा है। पुलिस ने अदालत को वह वीडियो भी दिखाई।
वहीं, कन्हैया कुमार ने अदालत को बताया कि पुलिस उन्हें झूठे मामले में फंसा रही है। कुमार ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि उसने ना तो कोई नारेबाजी की थी और ना ही भारत के खिलाफ कुछ कहा था।
उसने बताया कि वह मौके पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं और छात्रों के बीच चल रही झड़प में बीचबचाव करने गया था।
इससे पहले गुरुवार को पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद महेश गिरी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई है, की शिकायत पर अज्ञात छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
विश्वविद्यालय में मंगलवार की रात को छात्रों के दो समूहों के बीच एक कार्यक्रम के दौरान झड़प हो गई थी, जिसके बाद कानून व्यवस्था कायम करने के लिए परिसर में पुलिस की तैनाती की गई थी।
इस कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। इसकी जेएनयू प्रशासन जांच कर रहा है कि बिना अनुमति के यह कार्यक्रम कैसे हुआ। वि.वि. प्रशासन का कहना है कि जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, बुधवार को दिल्ली स्थित भारतीय प्रेस क्लब में भी एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई थी, जहां भारत विरोधी नारे लगाए गए और तख्तियां लहराई गईं।