• दुष्कर्म पीड़ितों को मुआवजे की हो एकसमान योजना

    नई दिल्ली ! सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से दुष्कर्म पीड़ितों और यौन उत्पीड़न के शिकार लोगों को मुआवजा देने के लिए गोवा जैसी योजना के समान 'एक समान योजना' बनाने का निर्देश दिया। ...

    नई दिल्ली !   सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से दुष्कर्म पीड़ितों और यौन उत्पीड़न के शिकार लोगों को मुआवजा देने के लिए गोवा जैसी योजना के समान 'एक समान योजना' बनाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एम.वाई.इकबाल और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ ने कहा, "सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश दुष्कर्म पीड़ित/यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं और विकलांग महिलाओं को कानून के तहत मुआवजा देने के लिए एक समान योजना बनाएं।" अदालत ने इस बात का उल्लेख किया कि दुष्कर्म पीड़ितों को मुआवजा देने के मामले में राज्यों में काफी अलग-अलग नीति है। गोवा पीड़ित को 10 लाख देता है, जबकि हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश 'बहुत कम धनराशि' 50 हजार ही देते हैं। महाराष्ट्र तो कुछ भी नहीं देता। अदालत ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुआवजे के लिए एकसमान योजना बनाने के दौरान दुष्कर्म पीड़ितों के लिए गोवा की योजना का जरूर संज्ञान लेना चाहिए। अदालत ने यह निर्देश छत्तीसगढ़ के टेकराम की याचिका खारिज करने के दौरान दिया। टेकराम ने एक नेत्रहीन लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में मिली सात साल कैद की सजा के खिलाफ याचिका दायर की थी। अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार को आदेश दिया कि वह पीड़ित नेत्रहीन लड़की को उसके पूरे जीवन तक हर महीने 8 हजार रुपये दे।


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