कोलकाता । बांग्ला फिल्मों के जाने-माने फिल्म निर्देशक अरबिंदो मुखर्जी ने यहां अपने आवास पर अंतिम सांस ली। अरबिदो (96) के परिवार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उनका निधन बुधवार को हुआ। उनके परिवार में दो बेटे व एक बेटी है। अरबिंदो का जन्म 18 जून, 1919 को बिहार के कटिहार जिले में हुआ था। उन्होंने फिल्मों के प्रति विशेष लगाव होने की वजह से मेडिकल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। उन्हें उनके निर्देशन की पहली फिल्म 'किच्छुखुन' (1959) के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
अपने चार दशकों के करियर में उन्होंने 26 फिल्मों, तीन टेली फिल्मों और एक धारावाहिक का निर्देशन किया। उनके निर्देशन की 'धोंई मेये'(1971) और 'मौचक्का' (1974) को परफेक्ट कॉमिंग टाइमिग के लिए बांग्ला की जुदा फिल्में माना जाता है। अरबिंदो ने 1970 में 'निशिपद्मा' फिल्म का निर्देशन किया, जिसे बाद में हिंदी में 'अमर प्रेम' नाम से बनाया गया। 'अमर प्रेम' में बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर मुख्य भूमिका में थे। अरबिंदो ने इस फिल्म की पटकथा लिखी थी, जिसके लिए उन्हें 1973 में फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया। उनकी अन्य चर्चित फिल्मों में 'अहबान', 'बर्णछोरा', 'केनराम बेचाराम', 'नौतुन जिबन', 'नायिकर भुमकाय' और 'मंत्रमुध' शामिल हैं।