महासमुंद । जिला मुख्यालय से लगे एक शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में कार्यरत महिला शिक्षिका ने संस्था के पुरुष प्राचार्य व सहकर्मी पुरुष शिक्षक पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। मामले में विभाग से अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने पर महिला शिक्षिका ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, राज्य मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत एवं जिला शिक्षा अधिकारी से की है।
ज्ञात हो कि शासकीय कार्यालयों और गैर सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट गाइड लाइन है। इस गाइड लाइन को विशाखा गाइडलाइन का नाम दिया गया है। जिसके तहत वहां महिलाओं की बहुलता वाली कमेटी प्रत्येक संस्थान में होगी, जो संस्थान में महिला प्रताड़ना के मामलों पर कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार है। बावजूद जिले के शिक्षा विभाग में ऐसे गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा है।
शहर से नजदीक के स्कूल में संस्था प्रमुख और सहकर्मी शिक्षक द्वारा शिक्षिका को तरह-तरह के ताने देकर अपमानित किया जाता है, चुनरी खींच लेने जैसी धमकी दी जाती है। शिक्षिका ने यह भी आरोप लगाया कि प्राचार्य और पुरुष शिक्षक उसे आपत्तिजनक कमेंट करते हैं। बेवजह प्राचार्य उन्हें अपने कमरे में एकांत में बुलाकर घूरते हैं, तथा निजी जीवन की बेवजह बातचीत करते हैं। महिला ने शिकायत में बताया है कि उनसे गलत फायदा उठाने की लगातार कोशिश हो रही है। उनके प्रति स्कूल में हो रहे गलत व्यवहार की शिकायत परिजनों से करने और परिजनों के द्वारा प्राचार्य व दूसरे पुरुष सहकर्मी से करने पर परिजनों को ही झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी गई।
स्कूल में साथी स्टाफ के बीच आए दिन शिक्षिका की बेइज्जती होती रही। शब्दबाणों से महिला को मानसिक प्रताड़ित किया जाता रहा। महिला पर लैंगिंग कमेंट्स किए जाते रहे। जिसकी शिकायत महिला ने 4 जनवरी 2016 को स्कूल स्टाफ की बैठक में सभी के सामने रखी। बावजूद मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया । बल्कि एक पुरुष शिक्षक द्वारा शिक्षिका पर ही खीज व्यक्त करते हुए अपमानित कर दिया गया। डीईओ का कहना है कि प्रत्येक स्कूल में महिला उत्पीड़न की शिकायत सुनने कमेटी गठित है, फिर यहां सवाल उठता है कि इस स्कूल की कमेटी ने इस गंभीर और संवेदनशीन मामले में संज्ञान क्यों नहीं लिया।
मामला अत्यंत संवेदनशील है। इसलिए हमने तुरंत इसकी जांच के लिए वरिष्ठ प्राचार्य डॉ. के चंद्रवंशी, प्राचार्य अमी रुफस गोम्स और प्राचार्य समीर प्रधान की तीन सदस्यी टीम गठित कर मामले की विभागीय जांच के लिए कहा है। टीम ने मंगलवार को स्कूल जाकर जांच भी की है। फिलहाल जांच रिपोर्ट मिली नहीं है। इस मामले में पुलिस शिकायत भी हुई है, वहां से भी जांच चल रही है। विशाखा गाइडलाइन का पालन हो रहा है। हर स्कूल में कमेटी गठित है। जानकारी ली जाएगी, स्कूल की टीम ने इस पर एक्शन क्यों नहीं लिया, इसकी भी पड़ताल होगी।'