• जनता को झटका, भारी उद्योगों को राहत देने की तैयारी

    रायपुर ! पॉवर वितरण कम्पनी ने राज्य विद्युत नियामक आयोग से कम्पनी को चलाने 1953 करोड़ रुपए की मांग की है। जिसे लेकर नियामक आयोग विगत दो दिनों से औपचारिक रूप से सुनवाई कर रहा है। आयोग पुलिस के पहरे में प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं पर 15 से 20 फीसदी तक दरों को बढ़ाने की तैयारी में है ...

    विद्युत विनियामक आयोग में सुनवाई रायपुर !  पॉवर वितरण कम्पनी ने राज्य विद्युत नियामक आयोग से कम्पनी को चलाने 1953 करोड़ रुपए की मांग की है। जिसे लेकर नियामक आयोग विगत दो दिनों से औपचारिक रूप से सुनवाई कर रहा है। आयोग पुलिस के पहरे में प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं पर 15 से 20 फीसदी तक दरों को बढ़ाने की तैयारी में है वहीं यह भी लगभग तय है कि भारी उद्योगों को कुछ रियायत दी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि आम जनता, किसान एवं जन प्रतिनिधियों के लगातार विरोध को देखते हुए नियामक आयोग इस बार अपने कार्यालय में पुलिस के सख्त पहरे में जनसुनवाई के बदले सुनवाई की औपचारिकता कर रहा है। अभी तक प्रदेश के विद्युत नियामक आयोग ने पहली बार उपभोक्ताओं को नए दर बताए बिना दरों में बढ़ोतरी की तैयारी में हैं। इसके पूर्व नियामक आयोग विज्ञापन के माध्यम से लोगों को नए दर की सूचना देता था। देशभर की सभी बोर्ड में यह प्रक्रिया सामान्य है। लेकिन नियामक आयोग प्रदेशवासियों को बड़ा झटका देने की तैयारी में है। नए दर में घरेलू, गैर घरेलू, स्थानीय निकाय, वाटर वर्क, कृषि सहित लघु उद्योगों की बिजली भी 20 फीसदी तक महंगी हो जाएगी। हालांकि पूरे देश में डीजल, ऑयल एवं कोयला के दाम घटे हैं। बिजली कम्पनी के कुप्रबंधन के चलते प्रदेश में बिजली की दरें लगातार बढ़ाई जा रही है। आयोग ने 3.16 रुपए की जगह दर को 3.46 रुपए करने की तैयारी की है। भारी उद्योगों को राहत मिल सकती है।  जबकि ऑयल, कोयला के दाम घटने के बाद यह दर 2.50 रुपए से 2.75 रुपए तक होनी चाहिए। विगत तीन चार वर्षों में बिजली कम्पनी के नए प्लांट चालू हुए हैं। लेकिन उसके बाद भी कुप्रबंधन के चलते बिजली की दरें बढ़ रही है। राज्य के तमनार में जिंदल पॉवर द्वारा उद्योंगो को 2.50 रुपए में बिजली दी जा रही है। जो पॉवर कम्पनी की तुलना में 2 रुपए यूनिट कम है वहीं पॉवर कम्पनी प्राइवेट सेक्टरों से 1.50 से 8 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी जा रही है। जिसके कारण कम्पनी को भारी नुकसान हो रहा है। इसका खामियाजा हर साल जनता को बिजली दरों में वृद्धि के रूप में झेलना पड़ रहा है।


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