• ओबामा ने रखा 41 खरब डॉलर खर्च का प्रस्ताव

    वाशिंगटन ! अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को अपना अंतिम बजट प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उन्होंने वित्त वर्ष 2017 के लिए 41 खरब डॉलर खर्च का प्रस्ताव रखा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ओबामा के बजट प्रस्ताव में जलवायु परिवर्तन रोकथाम, गरीबों की मदद, धनी वर्ग के लिए कर वृद्धि और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने को प्राथमिकता दी गई है।...

    वाशिंगटन !  अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को अपना अंतिम बजट प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उन्होंने वित्त वर्ष 2017 के लिए 41 खरब डॉलर खर्च का प्रस्ताव रखा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ओबामा के बजट प्रस्ताव में जलवायु परिवर्तन रोकथाम, गरीबों की मदद, धनी वर्ग के लिए कर वृद्धि और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने को प्राथमिकता दी गई है।

    ओबामा ने मंगलवार को अमेरिकी संसद (कांग्रेस) को भेजे एक पत्र में कहा है, "यह बजट भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा है। इसमें अमेरिकी मूल्यों एवं आकांक्षाओं को मूर्त रूप दिया गया है। यह हम सभी के परिवारों को सुरक्षा एवं भविष्य के अवसरों प्रदान करने को सुनिश्चित किया गया है। यह जीवन स्तर को बेहतर करने वाला और हमारे भूमंडल को हमारे बच्चों के लिए लंबे समय तक संरक्षित रखने वाला है।"

    यह अमेरिकी बजट वित्त वर्ष 2017 के लिए 503 अरब डॉलर घाटे का बजट है। यह घाटा 30 सितंबर को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के 616 अरब डॉलर के घाटे के बजट से कम है।

    इसमें खर्च प्रस्ताव को उसी दायरे में रखा गया है जिस पर पिछले साल व्हाइट हाउस और अमेरिकी संसद के बीच सहमति बनी थी।


    बजट में स्वच्छ परिवहन की बुनियादी सुविधा को बढ़ावा देने के लिए 320 अरब डॉलर की व्यवस्था करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा 11 अरब डॉलर का बजट स्वच्छ ऊर्जा के मद में रखा गया है।

    शोध एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए 150 अरब डॉलर की व्यवस्था करने की बात कही गई है। इसमें बॉयोमेडिकल के क्षेत्र में शोध से लेकर अंतरिक्ष में खोज तक का शामिल है। साइबर सुरक्षा के लिए 19 अरब डॉलर का प्रस्ताव है।

    इसके अलावा रक्षा विभाग और विदेश के लिए 11 अरब डॉलर का प्रस्ताव है ताकि इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों से लड़ा जा सके और सीरिया में स्थिरता लाई जा सके।

    यह बजट एक अक्टूबर से लागू होना है। इसे रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण वाली संसद से मंजूरी मिलने की संभावना कम ही है। दोनों सदनों कांग्रेस और सीनेट के नेताओं ने पहले ही कह रखा है कि वे इस बजट प्रस्ताव पर विचार भी नहीं करेंगे।

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