केंद्र सरकार के पैकेज में हुई बंदरबांट, अब प्रदेश की योजनाओं में भी लूट खसोट
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दौरा कर सरकारी योजनाओं पर उठाए सवाल
लखनऊ 10 फरवरी (देशबन्धु) : सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड को लेकर राजनीतिक दल अपनी अपनी रोटियां जरूर सेंक रहे हैं, लेकिन वहां के लोगों की सुधि लेने में सच्चाई से कोई नहीं पेश आ रहा। सरकारी योजनाओं में लूट खसोट मची है। हजारों करोड़ के केंद्रीय पैकेज में अफसरों और नेताओं ने मिलकर माल काटा है। आम आदमी की हालत वहां ठीक नहीं है। कभी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बुंदेलखंड का दौरा करते हैं तो कभी भाजपा और बसपा के नेता वहां जाकर अपने घड़ियाली आंसू बहाते हैं लेकिन सच यह है कि किसानों और गरीबों का भला नहीं हो रहा है।
प्रदेश सरकार ने भी सूख पीड़ित किसानों के लिए योजनाओं की घोषणा की है। स्वयं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुख्य सचिव आलोक रंजन दो बार बुंदेलखंड का दौरा कर चुके हैं, लेकिन सच यह है कि योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। किसानों को न तो सूख राहत के चेक ठीक से मिल पाए और न ही अनाज और पशु चारे का इंतजाम है। योजनाओं के लिए जा रहा धन नेता और अफसर मिलकर बांट रहे हैं। जांच करने पर इसके अनेक प्रमाण मिल सकते हैं।
दौरे और राजनीति करने की इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने भी बुंदेलखंड जाकर वहां के लोगों की समस्याओं पर सवाल उठाए हैं।
बाजपेयी बांदा के ग्राम फतेहगंज अतर्रा, उढ़वामानपुर अंश फतेहुपर तथा चित्रकूट के राजापुर, वीरघुमई सुर्की, ग्राम पंचायत औदहा रयपुरवा सहित दर्जनों गांवों का दौरा कर सूखा ग्रस्त किसानों की बदहाली से रूबरू हुए। उनका कहना है कि बुन्देलखण्ड के इन जिलों के भुखमरी की मार झेल रहे किसानों को खाद्य, सुरक्षा योजना के तहत प्राप्त होने वाले खाद्यान्न के वितरण में कोटेदारों द्वारा की जा रही भारी लूट से लोग त्रस्त है तथा प्रदेश की संवेदनहीन सरकार मूक बनी बैठी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक चित्रकूट जिले में 1 लाख तीस हजार 8 सौ 21 किसान परिवार तथा 89404 लोगों सहित लगभग 2,20,225 परिवार की अजीविका कृषि पर आधारित जो आज पूरी तरह से भुखमरी के कगार पर खड़ा है और गांवों से पलायन कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन परिवारों के लिए तत्काल आर्थिक राहत वितरित किये जाये।
भाजपा अध्यक्ष ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से बुन्देलखण्ड के किसानों की समस्याओं के निदान हेतु अविलम्ब कदम उठाने और सूखे से त्रस्त गरीबों व बदहाली झेल रहे किसानों के प्रति सहृदयतापूर्ण संवेदनशील व्यवहार की मांग की है।उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के सूखा ग्रस्त किसानों से बैंक द्वारा कर्जवसूली पर रोक के साथ ही
फसल बीमा का भुगतान अविलम्व सुनिश्चित किया जाय।
सूखा राहत के भुगतान में बरती जा रही अनियमितता को दूर करना और राहत विवरण को पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।