लंदन | इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फार स्ट्रेटजिक स्टडीज (आईआईएसएस) के जमीन पर होने वाले युद्ध के विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (अवकाश प्राप्त) बेन बेरी का कहना है कि पाकिस्तान, भारत की सैन्य क्षमताओं को लेकर चिंतित है।
आईआईएसएस के वार्षिक प्रकाशन 'द मिलिट्री बैलेंस' को जारी करने के अवसर पर बेरी ने कहा, "पाकिस्तान, भारत के आधुनिकीकरण और अमेरिका के साथ इसके परमाणु करार को लेकर चिंतित है।"
लेकिन, उन्होंने साफ किया कि इस चिंता का मौजूदा मोदी सरकार के किसी काम से कोई संबंध नहीं है।
बेरी ने कहा, "पाकिस्तान की परंपरागत सेना खुद को बेहतर आंकती है (भारत से युद्ध की हालत में) लेकिन संख्या की दृष्टि से खुद को कमतर पाती है।"
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना देश के अंदर के सशस्त्र गुटों से लगातार संघर्ष की वजह से लड़ाई के लिए मजबूत हो चुकी है।
आईआईएसएस के मुताबिक पाकिस्तानी सेना में 5,50,000 फौजी हैं जबकि भारत के पास 1,150,900 फौजी हैं।
'द मिलिट्री बैलेंस' में कहा गया है कि प्रक्षेपास्त्रों के शोध और विकास के मामले में चीन ने काफी अच्छी प्रगति की है।
चीन के पास 62 अंतरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र हैं जबकि भारत के पास एक भी नहीं है। चीन के पास मध्यम दूरी के 80 प्रक्षेपास्त्र हैं। पाकिस्तान के पास 30 और भारत के पास 12 मध्यम दूरी तक मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र हैं।
भारत के पास कम दूरी तक मार करने वाले 42 प्रक्षेपास्त्र हैं। पाकिस्तान के पास ऐसे प्रक्षेपास्त्रों की संख्या 30 है। लेकिन, चीन के पास कम दूरी तक मार करने वाला एक भी प्रक्षेपास्त्र नहीं है।