वी.के. सिंह ने कहा, हम पिछले तीन-चार दशकों से सैन्य और नागरिक संबंधों में सुधार की बात करते आ रहे हैं लेकिन हम केवल बातें ही कर रहे हैं, कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया
सिंह ने कहा सैन्य, असैन्य संबंध सुधारना जरूरी
नई दिल्ली । पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने सैन्य कमान और असैन्य नेतृत्व के बीच कार्यात्मक संबंध सुधारने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस क्रम में सरकार को करगिल समिति की सिफारिशों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। पूर्व सैन्य प्रमुख ने यहां मंगलवार देर शाम शिव कुमार की किताब '1962 : वॉर दैट वॉजन्ट' के लोकार्पण के मौके पर संवाददाताओं से कहा, "हम पिछले तीन-चार दशकों से सैन्य और नागरिक संबंधों में सुधार की बात करते आ रहे हैं लेकिन हम केवल बातें ही कर रहे हैं, कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।"
उन्होंने कहा, "सरकार को करगिल समिति की रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और बदलाव लाना चाहिए।" विदेश राज्य मंत्री सिंह ने 1962 में भारत-चीन युद्ध में देश को मिली हार के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की विदेश नीति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "1962 की लड़ाई में दो कारणों से हार मिली। हमारे राजनीतिक नेतृत्व, नौकरशाही और खुफिया तंत्र ने किस प्रकार काम किया और सेना ने उसे किस प्रकार लिया। दोनों के बीच स्पष्ट तौर पर कम्युनिकेशन की कमी थी।"