• बस्तर कलेक्टर बाइक पर तीन सवारी के चलते एक बार फिर चर्चा में आए

    जगदलपुर । बस्तर कलेक्टर अमित कटारिया बाइक पर तीन सवारी के चलते एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। इससे पहले पिछले साल मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलते वक्त काला चश्मा पहनने पर उन्हें खासी आलोचना झेलनी पड़ी थी। अब बाइक पर तीन सवारी लेकर चलने के मामले में चर्चा गर्म है। गौरतलब है कि बस्तर में इन दिनों पुलिस नक्सल विरोधी अभियान के तहत जनजागरण कर रही है। ...

    जगदलपुर । बस्तर कलेक्टर अमित कटारिया बाइक पर तीन सवारी के चलते एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। इससे पहले पिछले साल मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलते वक्त काला चश्मा पहनने पर उन्हें खासी आलोचना झेलनी पड़ी थी। अब बाइक पर तीन सवारी लेकर चलने के मामले में चर्चा गर्म है। गौरतलब है कि बस्तर में इन दिनों पुलिस नक्सल विरोधी अभियान के तहत जनजागरण कर रही है।

    नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंचकर पुलिस व प्रशासन के अफसर आम लोगों से मिल रहे हैं और उन्हें विकास की मुख्यधारा में जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। सोमवार को दरभा ब्लॉक के कोलेंग में जन जागरण शिविर आमचो बस्तर- आमचो पुलिस का आयोजन किया गया था जिसमें आईजी एसआरपी कल्लूरी, एसपी राजेंद्रनाथ दास, एएसपी विजय पांडेय सहित पुलिस व प्रशासन के अफसर शामिल हुए।


    यह इलाका काफी दुर्गम है और यहां बड़े वाहनों से पहुंचना कठिन है। ऐसे में सभी अफसर अलग-अलग बाइक पर वहां पहुंचे। बस्तर कलेक्टर अमित कटारिया दरभा में अपनी गाड़ी छोड़कर पुलिस के एक जवान के साथ बाइक पर गंतव्य को रवाना हुए थे। रास्ते में उसी सभा में जाता एक आदिवासी दिखा जिसे उन्होंने अपने साथ बाइक पर बिठा लिया। उनकी यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई है। कोलेंग की सभा में करीब पांच हजार आदिवासी शामिल हुए थे। मौके पर भीड़ के बीच से उठकर दो आदिवासियों ने खुद को नक्सली बताते हुए समर्पण भी किया।

    गौरतलब है कि कलेक्टर अमित कटारिया पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी से काला चश्मा पहनकर हाथ मिलाने को लेकर सुर्खियों में रहे थे। तब राज्य शासन ने उन्हें नोटिस भी दिया था। अब एक बार फिर वे बाइक पर तीन सवारी चलने को लेकर सुर्खियों में हैं। चर्चा यह है कि क्या उन्होंने कानून तोड़ा। इस मामले में कलेक्टर अमित कटारिया का पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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