• चुनावों की तैयारी में जुटे जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दल!

    श्रीनगर ! जम्मू कश्मीर में फिलहाल न ही आधिकारिक तौर पर विधानसभा भंग हुई है और न ही चुनावों की घोषणा पर राज्य में राजनीतिक दलों ने चुनावों की तैयारी आरंभ कर दी है। उन्हें लगता है कि अब चुनावों की घोषणा किसी भी समय हो सकती है। ऐसा लगने के पीछे का बड़ा कारण यह भी है ...

       दस्तावेज हटा कर भाजपा ने खुद ही 'तोड़' दिया गठबंधन श्रीनगर !   जम्मू कश्मीर में फिलहाल न ही आधिकारिक तौर पर विधानसभा भंग हुई है और न ही चुनावों की घोषणा पर राज्य में राजनीतिक दलों ने चुनावों की तैयारी आरंभ कर दी है। उन्हें लगता है कि अब चुनावों की घोषणा किसी भी समय हो सकती है। ऐसा लगने के पीछे का बड़ा कारण यह भी है कि भाजपा ने अपनी बेवसाइट से पीडीपी के साथ हुए एजेंडा ऑफ  अलायंस को हटा कर खुद ही अप्रत्यक्ष तौर पर गठबंधन को  'तोडऩेÓ का संकेत दिया है। रियासत में सरकार गठन में देरी से बने संशय के माहौल के बीच अब सियासी दल मतदाताओं के बीच सक्रिय होने लगे हैं। भाजपा, पीडीपी, नेकां और कांग्रेस हो या पैंथर्स पार्टी हर दल ने जमीनी स्तर पर लोगों से जुडऩा शुरू कर दिया है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सत शर्मा का कहना है कि सुशासन रैलियों का सिलसिला रियासत के हर विधानसभा क्षेत्र में चल रहा है। लोगों की भारी भीड़ रैली स्थलों पर जुट रही है और जनता की उम्मीद भाजपा से जुड़ी हुई है। पीडीपी की अध्यक्ष एवं सांसद महबूबा मुफ्ती ने पार्टी नेताओं को सदस्यता अभियान जोरशोर से चलाने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। महबूबा ने कहा है कि वह भी जिला स्तर पर होने वाले अभियानों में शामिल रहेंगी। नेशनल कांफ्रेंस भी सदस्यता अभियान के अलावा चुनाव की तैयारी में  जुटी है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने भी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार हो जाने को कहा है। पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्ष देव सिंह ने भी कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार हो जाने की अपील की है। शिव सेना बाल ठाकरे के प्रधान डिंपी कोहली ने भी कार्यकर्ताओं को विधानसभा, स्थानीय निकाय और पंचायती चुनाव के लिए तैयार रहने की अपील की है। दरअसल, सईद का निधन हुए एक महीना गुजर गया, लेकिन रियासत में सरकार गठन पर असमंजस बरकरार है। दस माह गठबंधन सरकार में रहे दोनों सहयोगी दलों भाजपा और पीडीपी के बीच सरकार गठन पर अब तक संशय बना है। इस बीच जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन को लेकर सब कुछ ठीक होने के भले ही तमाम दावे कर रही हो, लेकिन मौजूदा हालात में दोनो पार्टियों में सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा। ताजा घटना क्रम में गठबंधन के दौरान तय एजेंडा ऑफ एलायंस भाजपा की वेबसाइट से गायब नजर आ रहा है। दरअसल भाजपा और पीडीपी ने अपनी-अपनी शर्तें एक दूसरे के सामने रखकर गठबंधन किया था। इन शर्तों के लिए एक दस्तावेज तैयार किया गया था, जिसे एजेंडा ऑफ  अलायंस नाम दिया गया था। मार्च 2015 में राज्य के पूर्व वित्त मंत्री हसीब द्राबू और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव के बीच बातचीत के बाद इस पेश किया गया था। ये दस्तावेज पीडीपी की वेबसाइट पर तो नजर आ रहा है, लेकिन भाजपा की वेबसाइट से दस्तावेज गायब है। वहीं पूरे मामले में भाजपा नेताओं का दावा है कि एजेंडा ऑफ अलायंस पार्टी की बेवसाइट से नहीं हटाया गया है, वो वहीं पर है। अगर कोई उसे देखना चाहता है तो वो उसे दे सकते हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद के निधन के एक महीने बाद भी सरकार गठन के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। दरअसल पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती कई मुद्दों पर भाजपा और केंद्र सरकार से ठोस आश्वासन चाहती हैं, तो वहीं धीरे-धीरे पीडीपी की शर्तें भाजपा के गले की फांस बनती नजर आ रही है।


     

अपनी राय दें